हावड़ा: रामनवमी के जुलूस के दौरान हावड़ा और रिसड़ा में हिंसा हुई थी। हिंसा की जांच के लिए कोलकाता पहुंची मानवाधिकार संगठन की फैक्ट फाइंडिंग टीम को फिर से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
रिसड़ा के बाद रविवार को पुलिस अधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल को हावड़ा जाने से रोक दिया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इलाके में धारा 144 लागू है। इस कारण वे इलाके में नहीं जा सकते हैं। रविवार को इस टीम का मुख्य उद्देश्य हावड़ा में संबंधित घटनास्थल पर जाकर वहां रहने वाले घायलों के परिवारों से बात करना था।
इसके बाद फैक्ट फाइंडिंग टीम के एक सदस्य ने कहा कि पुलिस ने कल हमें एक पत्र भेजा। मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इलाके में धारा 144 लागू है। हमने जवाब दिया कि हम उस क्षेत्र में किसी भी अपराध की जांच नहीं करने जा रहे हैं।
बस क्षेत्र का दौरा कर और घायलों से बात कर उनका आत्मविश्वास बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे प्रभावित लोगों का भी आत्मविश्वास वापस आएगा और वे समझेंगे कि पूरी घटना का ठीक से आकलन कर लिया गया।
इसके पहले रिसड़ा के रास्ते में पुलिस ने एक गांव के सामने हमारी कार रोक दी थी, लेकिन हम पैदल जाना चाहते थे, क्योंकि बंगाल में कहीं भी कर्फ्यू नहीं है। आज दूसरे हुगली पुल ने कार को रोक दिया और इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। बंगाल की सरकार अपनों के लिए कुछ नहीं सोचती क्या? हम प्रभावित लोगों से बात करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पुलिस बाधा दे रही है।
गौरतलब है कि मानवाधिकारों के उल्लंघन की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सदस्य हावड़ा-रिसड़ा हिंसा की जांच के लिए दिल्ली से बंगाल आए हैं। हालांकि, रिसड़ा के प्रवेश को लेकर पुलिस ने रास्ते में ही उन्हें रोक दिया था।
पुलिस के मुताबिक धारा 144 लागू होने के कारण किसी प्रतिनिधिमंडल को रिसड़ा जाने की इजाजत नहीं है। रविवार को प्रतिनिधिमंडल हावड़ा जाना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस ने रोक दिया।