डेस्क : एक तरफ पुराना साल यानी साल 2023 खत्म होने के कगार पर है तो दूसरी तरफ नए साल के लिए लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन नया साल छात्रों के लिए एक तरफ खुशी तो दूसरी तरफ हमेशा चिंता का विषय लेकर ही आता है। क्योंकि साल की शुरूआत में ही बोर्ड्स की परिक्षाएं भी आती है। बोर्ड सभी छात्रों के लिए कहा जा सकता है की भविष्य बनाने का पहला पड़ाव होता है और इसको लेकर छात्र पूरी तरह से चिंतित होते हैं। जैसे-जैसे परीक्षा नजदीक आती है वैसे-वैसे तैयारियों को लेकर छाात्र चिंतित होते हैं। कोई छात्र ग्रूप स्टडी की ओर जाता है तो कोई अकेले ही परीक्षा की तैयारी करता है। बोर्ड एग्जाम की तैयारी करते वक्त अक्सर स्टूडेंट्स के मन में ये सवाल आता है कि तैयारी का कौन सा तरीका बेहतर होता है। तो आईये जानते हैं कौन सा तरीका स्टूडेंट्स के लिए बेहतर रहता हैं।
तो आईए हम पढ़ाई के इन दोनों तरीकों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
ग्रुप स्टडी:
1) ग्रुप स्टडी में एक विषय पर विचार-विमर्श करने का अवसर होता है, जिससे सभी सदस्य विषय को समझने में सहायता कर सकते हैं।
2) अगर किसी के पास अधिक ज्ञान है, तो उन्हें अनुभव साझा का मौका मिलता है।जो ग्रुप के सभी सदस्यों के लिए फायदेमंद होता है।
3) ग्रुप स्टडी सदस्यों के सहयोग से होता है, इसमें कठिन-कठिन मुद्दे आसानी से सुलझ जाते हैं।
सोलो स्टडी:
1) सोलो स्टडी में आपको अपनी-अपनी स्वतंत्रता होती है जो आपको अपनी ध्यान साधने में मदद करता है।
2)आप अपनी गति को अपनी समझ और आवश्यकताओं के अनुसार पढ़ाई कर सकते हैं।
3)सोलो स्टडी में आप अपने विषय पर बिना कोई भटकावे के ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।