माध्यमिक परीक्षा के पहले दिन ही प्रश्न पत्र वायरल

मालदह में बांग्ला भाषा का प्रश्न पत्र लीक, दोषी छात्र पकड़ाए

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कोलकाता, सूत्रकार : कथित तौर पर मध्यमिक परीक्षा के पहले दिन ही प्रश्नपत्र व्हाट्सएप पर वायरल हो गया। इसके बाद परिषद की तत्परता के कारण दोषी दो छात्रों को पकड़ लिया गया है। वे दोनों छात्र मालदह जिले के रहने वाले हैं। शुक्रवार को प्रथम भाषा की परीक्षा थी। परीक्षा खत्म होने से पहले बांग्ला भाषा का प्रश्न पत्र फोन पर घूमता हुआ नजर आया।

आरोप है कि किसी ने फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर उसको वायरल कर दिया। इसके बाद परीक्षा समाप्त होने के बाद वितरित प्रश्न पत्रों को विद्यार्थियों से प्राप्त मूल प्रश्न पत्रों से मिलाया गया। प्रश्न बिल्कुल वैसा ही था जिसमें प्रश्न संख्या 1.13 से प्रश्न संख्या 2.1.2 तक के प्रश्न थे। परीक्षा खत्म होते ही देखा गया कि वायरल तस्वीर मूल प्रश्नपत्र का दूसरा पेज था।

इस घटना के सामने आने के बाद बोर्ड ने कहा कि परीक्षा खत्म होने के एक घंटे के अंदर ही दोषियों की पहचान कर ली गई। मालदह के दो परीक्षार्थियों को पकड़ा गया है। इस मामले में बोर्ड के चेयरमैन रामानुज गंगोपाध्याय ने कहा कि परीक्षा का प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर जारी होने के एक घंटे के भीतर ही दोषियों की पहचान कर ली गयी है। बोर्ड इसे अपनी सफलता के तौर पर देखता है।

उन्होंने कहा कि मालदह के दो छात्रों ने यह काम किया। उनकी पहचान हो चुकी है। उनकी परीक्षाएं पूरी तरह से रद्द कर दी गई हैं। बोर्ड ने उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। चेयरमैन ने कहा कि पकड़े गए छात्रों में एक नागहरिया हाई स्कूल तो दूसरा चामाग्राम हाई स्कूल का छात्र है।

इन दोनों छात्रों ने प्रश्न पत्र की तस्वीरें खींच लीं। इनमें एक की सीट इंग्लिश बाजार 3 के रायग्राम हाई स्कूल में पड़ी थी तो दूसरे का बेदराबाद हाईस्कूल, लखीमपुर 6 में। चेयरमैन ने कहा कि व्हाट्सएप ग्रुप पर परीक्षा प्रश्न पत्र जारी होने के 25 मिनट के भीतर दोनों छात्रों को ट्रैक कर लिया गया। ये दोनों छात्र इस साल दोबारा परीक्षा नहीं दे पाएंगे। इनकी परीक्षा रद्द करने से हम खुश नहीं हैं लेकिन यह एक अप्रत्याशित घटना है।

बता दें कि इस साल करीब 10 लाख परीक्षार्थी माध्यमिक परीक्षा दे रहे हैं। परीक्षा 12 फरवरी तक चलेगी। अन्य वर्षों की तुलना में इस बार मध्यमिक परीक्षा का समय में बदलाव किया गया है। परीक्षा सुबह 9.45 बजे शुरू हो रही है।

गौरतलब है कि हर साल परीक्षा शुरू होते ही मध्यमिक के प्रश्न पत्र लीक होने के आरोप सामने आते हैं। इससे बचने के लिए इस बार बोर्ड ने प्रत्येक माध्यमिक प्रश्न पत्र के लिए एक सीक्रेट कोड लागू किया था। यह कदम परीक्षा के दौरान सोशल मीडिया पर इसकी छवियों के प्रसार को रोकने के लिए उठाया गया है। बोर्ड ने प्रश्न पत्र में एक क्यूआर कोड मुद्रित किया गया है। बोर्ड ने कहा कि अगर कोई तस्वीर लेता है तो क्यूआर कोड से यह पहचानना संभव है कि तस्वीर कहां ली गई है।

बोर्ड के निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर परीक्षकों ने छात्रों को पहले ही सूचित कर दिया था कि प्रश्नों की तस्वीरें लेना प्रतिबंधित है। परीक्षा केंद्र के प्रभारी शिक्षकों को यह भी बताना होगा कि अगर किसी ने तस्वीर खींची, तो उसे सजा मिलेगी। ऐसा पाया गया है कि कोलकाता के कई स्कूलों में शिक्षकों ने परीक्षा शुरू होने से पहले ही परीक्षार्थियों को बोर्ड के दिशा-निर्देशों की जानकारी देकर सचेत कर दिया था। लेकिन बड़ा सवाल है कि जब परीक्षा हॉल में मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित है तो कैसे छात्र मोबाइल लेकर गए। या फिर किसी और ने उन्हें मदद की।