राहुल की लोकसभा सदस्यता रद्द

सूरत कोर्ट ने सुनाई है दो साल की सजा

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नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा सदस्यता से हाथ धोना पड़ा है। शुक्रवार दोपहर करीब 2.30 बजे रद्द कर दी गई। वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे। लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी है।

मोदी सरनेम मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने गुरुवार दोपहर 12.30 बजे उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। कोर्ट का फैसला आने के मात्र 24 घंटे से कुछ ज्यादा ही समय हुआ था कि उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई है।
सदस्यता रद्द होने के साथ ही समूचा विपक्ष केंद्र सरकार पर हमला करना शुरू कर चुका है। लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने इस पूरे मामले पर बयान देते हुए केंद्र सरकार को तानाशाह करार दिया है।


कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि ‘अगर मोदी जी का मन साफ होता और हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी के घपले नहीं होते तो क्या कोई प्रधानमंत्री इस बात पर चर्चा करने से पीछे हटता। राजीव गांधी पर भी आरोप लगा था लेकिन वे बेदाग निकले। 7 बार लोकसभा में JPC हो चुकी है, फिर ये क्यों डरते हैं?’।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि ‘पीएम मोदी के न्यू इंडिया में बीजेपी के निशाने पर विपक्षी नेता! जबकि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले भाजपा नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है, विपक्षी नेताओं को उनके भाषणों के लिए अयोग्य ठहराया जाता है। आज, हमने अपने संवैधानिक लोकतंत्र के लिए एक नया निम्न स्तर देखा है’।

 

वही सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि ‘लोकसभा से राहुल गांधी जी का निष्कासन चौंकाने वाला है। देश बहुत कठिन दौर से गुज़र रहा है। पूरे देश को इन्होंने डरा कर रखा हुआ है। 130 करोड़ लोगों को इनकी अहंकारी सत्ता के ख़िलाफ़ एकत्र होना होगा’।

आपको बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 को अपने फैसले में कहा था कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगा। कोर्ट ने लिली थॉमस बनाम भारत सरकार के केस में यह आदेश दिया था।
2024 में लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं। चुनाव से पहले राहुल गांधी का लोकसभा का सदस्यता जाना कांग्रेस के लिए कहीं ना कहीं बहुत बड़ा झटका है। लेकिन राहुल गांधी की सदस्यता रद्ध होने से विपक्ष के भी केंद्र सरकार के खिलाफ लामबंद होने के पूरे आसार बन रहे हैं।