मणिपुर जायेंगे राहुल, यात्रा से पहले ही विरोध

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मणिपुर हिंसा का सबसे ज्यादा फायदा अगर किसी को हो रहा है तो वो है विपक्ष। इसे लेकर विपक्ष भाजपा की जमकर आलोचना कर रहा है। वहीं इसे देखते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी दो दिवसीय दौरे पर मणिपुर के लिए रवाना हुए हैं। गुरुवार सुबह करीब 9:30 बजे वह दिल्ली से हवाई मार्ग से मणिपुर की राजधानी इंफाल पहुंचे। बता दें कि इन दिनों ने सांप्रदायिक हिंसा से जूझ रहे पूर्वोत्तर राज्य में गुरुवार और शुक्रवार को उनके कई कार्यक्रम हैं।

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक राहुल का गुरुवार सुबह करीब 11:30 बजे लम्का (चुराचंद्रपुर) के कई शरणार्थी शिविरों में पहुंचने का कार्यक्रम है। वह उन लोगों से बात करेंगे जो हिंसा के कारण अपना घर छोड़कर वहां शरण लिए हुए हैं। बाद में वह बिष्णुपुर शरणार्थी शिविर जाएंगे। इसके बाद राहुल का शुक्रवार को राजधानी इंफाल में विभिन्न शरणार्थी शिविरों का दौरा करने का कार्यक्रम है। वह युधान मैतेई समुदाय और कुकी और नागा लोगों के नागरिक समाज के साथ भी बैठकें करेंगे। बताया जा रहा है कि दिल्ली लौटने से पहले वह कांग्रेस भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं।

इस बीच, मणिपुर पैट्रियटिक पार्टी ने राहुल को एक खुला पत्र भेजकर उनकी यात्रा का विरोध किया है। मैतेई समुदाय से प्रभावित बीजेपी से जुड़े संगठन के मुताबिक, मणिपुर में यह समस्या असल में कांग्रेस काल में पैदा हुई थी। अब राहुल गंदे पानी में मछली पकड़ने आ रहे हैं। उनका दावा है कि यह कांग्रेस सरकार ही थी जिसने 1949 में स्वतंत्र मणिपुर को जबरन भारत में मिला लिया था। मणिपुर के लोग विलय को स्वीकार नहीं कर सके जिसके कारण राज्य में सशस्त्र संघर्ष का एक लंबा इतिहास शुरू हो गया। संगठन का दावा है कि कांग्रेस ने हमेशा वोट बैंक के फायदे के लिए कुकी समुदाय का इस्तेमाल किया है और एक अलग कुकीलैंड का सपना देखा है। उसी के कारण आज कुकी मैतियों को पहाड़ों से खदेड़ कर अलग राज्य की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर करने की आड़ में कुकी उग्रवादियों को दबाने के बजाय, कांग्रेस सरकार ने वास्तव में उन्हें प्रशिक्षित किया और नागाओं और मेइतियों के खिलाफ उनका इस्तेमाल किया।