सवालों से घिरे राजीव अरुण एक्का

11 घंटे तक लगातार पूछताछ के बाद रात में उन्हें छोड़ दिया गया। ईडी ने उनसे उन पैसों के बारे में पूछताछ की थी जो उनके परिवार के सदस्यों के खातों में डाले गए थे।

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शिखा झा 

रांची :  मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव, राजीव अरुण एक्का, उनके परिवार के सदस्यों के खातों में जमा धन के बारे में पूछताछ संबंधित सवालों में उलझ गये। जमा राशि के संबंध में वह सही जवाब नहीं दे पाए। उनके बयान को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कर्मचारियों ने पूछताछ के दूसरे दिन मंगलवार को पीएमएलए की धारा 50 के तहत दर्ज किया। राजीव अरुण एक्का पूछताछ के लिए दूसरे दिन निर्धारित समय 11:00 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे। लगातार 11 घंटे की पूछताछ के बाद रात 10:30 बजे उन्हें छोड़ा गया। ईडी ने उनसे उनके पारिवारिक सदस्यों के खाते में जमा नकद राशि से संबंधित सवाल पूछे। ईडी ने पारिवारिक सदस्यों के खाते में नकद राशि जमा करनेवालों और उसके कारणों से संबंधित सवाल पूछे। सूत्रों के अनुसार, राजीव अरुण एक्का ने इन सवालों के जवाब दिये। जबकि, अधिकांश मामलों में फिलहाल याद नहीं होने की बात कही, उल्लेखनीय है कि इडी ने ‘पावर ‘ब्रोकर’ के रूप में चर्चित विशाल चौधरी के रांची और मुजफ्फरपुर स्थित कुल पांच ठिकानों पर छापा मारा था। छापामारी के दौरान लेन-देन से संबंधित दस्तावेज जब्त किये गये थे। इसके अलावा हाथ से लिखी गयी कुछ पर्चियों को भी जब्त किया गया था। इन पर्चियों पर फोन नंबर और कुछ पैसों का उल्लेख था।

 

ईडी ने एक्का के परिवार सदस्यों के बैंक खातों की जांच की।

जब विशाल के ठिकाने से लेन-देन का खुलासा करने वाले दस्तावेज मिले, तो ईडी ने राजीव अरुण एक्का के रिश्तेदारों के बैंक खातों के बारे में जानकारी का अनुरोध करके इसकी जांच की। इसमें यह भी जानकारी थी कि उसने अपने परिवार के सदस्यों के खातों में कितना पैसा जमा कराया है। पहले और दूसरे दिन के आधार पर हुई पूछताछ से जुड़े सवालों के जवाब ईडी के अधिकारियों ने पूछताछ के बाद रिकॉर्ड किए। ईडी ने बयान दर्ज करने के बाद उन्हें घर जाने के लिए रिहा कर दिया। साथ ही, भविष्य में जरूरत पड़ने पर उनसे संपर्क करने का वादा किया।

 

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