रांची : झारखंड हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अंबुजनाथ की कोर्ट में शुक्रवार को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने राहुल गांधी को रांची सिविल कोर्ट द्वारा जारी नोटिस पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर भी रोक लगा दी है।
राहुल गांधी की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश और अधिवक्ता दीपांकर राय ने पक्ष रखा। कोर्ट ने दोनों पक्षों को लिखित बहस प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई 17 फरवरी निर्धारित की है।
चार फरवरी को रांची सिविल कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ दायर शिकायतवाद पर सुनवाई की तिथि निर्धारित थी। इससे पहले नोटिस पर रोक लगने से राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है। रांची सिविल कोर्ट की न्यायिक दंडाधिकारी अनामिका किस्कु की कोर्ट ने उन्हें वर्ष 2019 से जुड़े एक मामले में नोटिस जारी किया है।
उल्लेखनीय है कि यह मामला वर्ष 2019 में कांग्रेस के अधिवेशन में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ राहुल गांधी की टिप्पणी से जुड़ा है। इसमें राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस में कोई हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन सकता है।
यह भाजपा में ही संभव है। इसके बाद भाजपा नेता नवीन झा ने लीगल नोटिस देकर राहुल गांधी से माफी मांगने को कहा था। राहुल गांधी के माफी नहीं मांगने पर नवीन झा ने रांची सिविल कोर्ट में शिकायतवाद दर्ज कराई थी। इस पर राहुल गांधी ने झारखंड हाई कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका (आईए) दाखिल की है, जिसपर आज सुनवाई हुई।
यह भी पढ़ें – अमित शाह कल पहुंचेंगे देवघर