TMC के राज्यसभा सांसद लुईजिन्हो फलेरियो का इस्तीफा

कांग्रेस छोड़ने के बाद ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के साथ जुड़े थे

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कोलकाता / नई दिल्ली : राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खोने के एक दिन बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद लुईजिन्हो फलेरियो ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया। वह उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के कार्यालय गए और अपना त्याग पत्र सौंपा।

इस्तीफा देने के बाद फलेरियो ने कहा, मैंने राज्यसभा सांसद के पद से स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है। हालांकि राजनीतिक हलकों की मानें तो गोवा विधानसभा चुनाव में पराजय के बाद बंगाल की सीएम और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी की ओर से उन्हें इस्तीफा देने का संदेश दिया गया था।

बता दें, सांसद के रूप में लुईजिन्हो फलेरियो का कार्यकाल 2026 में समाप्त होने वाला था, लेकिन उन्होंने करीब 3 साल पहले इस्तीफा क्यों दिया।

लुईजिन्हो साल 2021 में कांग्रेस छोड़ने के बाद ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के साथ जुड़े थे। उसी साल 15 सितंबर को रंगकर्मी अर्पिता घोष ने राज्यसभा सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया था।

29 सितंबर को लुईजिन्हो टीएमसी के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के साथ हाथ मिलाकर कोलकाता में पार्टी में शामिल हो गए थे। उसके बाद उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया गया और वह निर्विरोध जीत गए। उन्हें अखिल भारतीय संगठन में उपाध्यक्ष का पद भी दिया गया।

उस समय यह खबर आई थी कि भले ही वह राज्यसभा के सदस्य हैं, लेकिन गोवा विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन अंत में फलेरियो ने चुनाव नहीं लड़ा। साल 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव में लड़ने के बावजूद टीएमसी को अच्छे नतीजे नहीं मिले। पूर्व सांसद कीर्ति आजाद फिलहाल गोवा टीएमसी के पर्यवेक्षक पद पर हैं।

लुईजिन्हो के इस्तीफे से राज्यसभा में टीएमसी सांसदों की संख्या घटकर 12 हो गई। हालांकि अगर इस सीट पर उपचुनाव होता है तो विधानसभा में विधायकों की संख्या के लिहाज से टीएमसी के आसानी से जीतने की उम्मीद है।

टीएमसी के नेताओं का कहना है कि शीघ्र ही पार्टी की ओर से नये उम्मीदवार के नाम का ऐलान किया जाएगा। लुईजिन्हो के अचानक इस्तीफे का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। कुछ हलकों की माने तो क्या टीएमसी ने उन्हें अर्पिता की तरह इस्तीफा देने का आदेश दिया था? या उन्होंने खुद ही इस्तीफा दे दिया? दिल्ली में उनके करीबी लोगों का दावा है कि उन्होंने बीमारी के चलते राज्यसभा सांसद के पद से इस्तीफा दिया है।

हालांकि फरवरी 2022 में गोवा विधानसभा चुनाव में टीएमसी की हार के बाद वह पार्टी से दूरी बना लिये थे। यहां तक ​​कि गोवा टीएमसी की राज्य कमेटी में भी वे इस बात से नाराज थे कि उन्हें या उनके समर्थकों को जगह नहीं दी गई थी।