कोलकाता: इस बार राज्य सरकार राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में रोबोटिक सर्जरी करने की योजना बना रही है। हालांकि विभिन्न प्रतिष्ठित निजी अस्पतालों में रोबोटिक सर्जरी उपलब्ध है, लेकिन राज्य के सरकारी अस्पतालों में यह व्यवस्था नहीं है। यह सर्जिकल प्रक्रिया राज्य के पहले सरकारी अस्पताल एसएसकेएम में शुरू होने जा रही है। अस्पताल का ऑपरेशन थिएटर पहले से ही तैयार है। पूजा के बाद एसएसकेएम अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी शुरू की जायेगी। रोबोट की मदद से बेहद सटीक, रक्तहीन और लागत प्रभावी सर्जरी संभव है। इस रोबोट में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और तकनीक है।
अस्पताल सूत्रों के मुताबिक इस रोबोट की कीमत 10 से 12 करोड़ रुपये है। एसएसकेएम अस्पताल एवं स्वास्थ्य विभाग ने विक्रेता के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। समझौते के मुताबिक, रोबोट की एक साल तक मुफ्त सेवा ली जाएगी। रोबोट की मदद से सर्जरी कैसे करें? इसे डॉक्टरों को सिखाया जाएगा। रोबोटिक सर्जरी को लेकर निगरानी के लिए पहले ही एक समिति का गठन किया जा चुका है। उस कमेटी में 4 सदस्य हैं। वे अस्पताल के एमएसवीपी सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इसकी मदद से बिना रक्तस्राव के नाजुक से लेकर अति सूक्ष्म सर्जरी तक संभव है। हालांकि, यह रोबोट मानवरहित नहीं है। इस रोबोट को सर्जन नियंत्रित करेंगे।
दरअसल, रोबोटिक सर्जरी रोबोटिक बांह से जुड़े बहुत छोटे उपकरणों का उपयोग करके सर्जरी करने की एक विधि है। सर्जन रोबोटिक भुजा को कंप्यूटर से नियंत्रित करता है। कंप्यूटर स्टेशन पर बैठे रोबोट की गति को निर्देशित करता है। अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा कि इस सर्जरी में मरीज के बिस्तर से दूर से नियंत्रित किया जाएगा। डॉक्टर के सामने 3डी स्क्रीन होगी। उसकी मदद से वह रोबोट को निर्देश देगा कि सर्जरी कैसे की जाए। ऐसे में अगर किसी मरीज के पेट के अंदर ट्यूमर है तो यह रोबोट डॉक्टर के निर्देशानुसार एक छोटे से छेद के जरिए कैमरा डाल देगा।
परिणामस्वरूप, सर्जन देख सकता है कि ट्यूमर कहां है। इसी तरह वह रोबोट को सर्जरी करने का निर्देश देगा। रोबोट डॉक्टर के निर्देश के अनुसार काम करेगा। डॉक्टरों के मुताबिक, कई वरिष्ठ सर्जन ऐसे हैं जिनके अनुभव के बावजूद सर्जरी के दौरान हाथ कांपते हैं। रोबोटिक सर्जरी करने के लिए उनके अनुभव का उपयोग करना संभव है। रोबोटिक सर्जरी के लिए सर्जनों को प्रशिक्षित करने के लिए अस्पताल पहले से ही तैयार है। इसके लिए 20 सर्जनों का चयन किया गया है। उनसे और 20 डॉक्टर सीखेंगे। इस तरह अस्पताल की योजना 40 डॉक्टरों को सर्जरी में विशेषज्ञता के लिए प्रशिक्षित करने की है।
क्या है रोबोटिक सर्जरी?
पिछले कुछ सालों में मेडिकल सेक्टर में रोबोटिक सर्जरी का इस्तेमाल काफी बढ़ा है। इस सर्जरी की मदद से अब मुश्किल से मुश्किल ऑपरेशन किया जा रहा है। शरीर के कुछ ऐसे अंग होते हैं, जहां पहुंचना मुश्किल और खतरनाक होता है। हालांकि रोबोट से की जाने वाली सर्जरी की मदद से इन अंगों तक भी आसानी से पहुंचा जा सकता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि कैंसर जैसे खतरनाक रोग में भी यह सर्जरी कारगर है। रोबोटिक सर्जरी में डॉक्टर द्वारा प्रोग्राम किए गए रोबोट ऑपरेशन करते हैं।
किन बीमारियों में की जाती है रोबोटिक सर्जरी?
रोबोटिक सर्जरी काफी महंगी होती है। यही वजह है कि इसका सुझाव हर किसी को नहीं दिया जाता, जिन मरीजों को किडनी, प्रोस्टेट, इसोफैगस, लीवर, अंडाशय, गर्भाशय, बड़ी आंत और लिम्फ नोड्स के कैंसर होते हैं, उन्हें रोबोटिक सर्जरी की सलाह दी जाती है।
रोबोटिक सर्जरी के फायदे
रोबोटिक सर्जरी में ऑपरेशन के दौरान कट बहुत छोटा-सा लगता है। यही वजह है कि सर्जरी का निशान शरीर पर बहुत छोटा होता है। डॉक्टर द्वारा की जाने वाली सर्जरी की तुलना में रोबोटिक सर्जरी में रिकवरी तेजी से होती है और ब्लड लॉस भी काफी कम होता है।