तृणमूल विधायक जाकिर हुसैन के ठिकानों पर छापेमारी में 15 करोड़ बरामद
दी सफाई : व्यवसायिक कारणों से घर पर रखे गए थे रुपये
कोलकाता: राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री जाकिर हुसैन के कारखाने, गोदाम और अन्य ठिकानों पर तलाशी अभियान के दौरान आयकर विभाग ने नकद कुल 15 करोड़ रुपये की बरामदगी की है। गुरुवार को आयकर विभाग की ओर से जारी एक बयान में यह दावा किया गया है।
गौरतलब है कि, बुधवार दोपहर जंगीपुर से विधायक जाकिर हुसैन के तीन बीड़ी कारखाने, गोदाम, चावल मिल और अन्य ठिकानों पर छापेमारी हुई थी।
इनमें से 9 करोड़ रुपये केवल एक जगह से मिले हैं जबकि बाकी गोदाम से 2 करोड़ और अन्य जगहों से 4 करोड़ रुपये की बरामदगी हुई है। आयकर विभाग ने मुर्शिदाबाद और कोलकाता की कुल 28 जगहों पर छापेमारी की थी।
इनमें मूल रूप से जाकिर हुसैन के कारखाने, दफ्तर और गोदाम शामिल हैं। आय से अधिक संपत्ति के मामले में कुल 17 घंटे तक तलाशी चलती रही। सबसे पहले शिव बीड़ी कारखाने, उसके बाद शमशेरगंज के आनंद बीड़ी कारखाने और बिजली बीड़ी कारखाने में छापेमारी हुई।
उसके बाद उनके चावल मिल में भी आयकर की टीम पहुंची थी। इसके अलावा आयकर विभाग के अधिकारियों ने मेयर परिषद के सदस्य अमीरुद्दीन बॉबी के होटल में भी छापेमारी की थी। अधिकारियों ने बताया कि वहां से भी महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए हैं, उनकी भी जांच की जाएगी।
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इस घटना के बाद देर रात को जाकिर ने कहा है कि उन्हें परेशान करने के लिए छापेमारी की गई है। उन्होंने दावा किया है कि वह पिछले 23 वर्षों से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं। एक व्यवसायिक कारणों से घर पर नकदी की आवश्यकता होती है।
जाकिर हुसैन ने कहा कि अगर आयकर विभाग पहले सूचित कर देता तो मैं विभाग को एक-एक रुपये का हिसाब दे देता। हुसैन ने कहा कि बीड़ी कारखानों के श्रमिकों को हर सप्ताह के अंत में उनकी मजदूरी का भुगतान करना पड़ता है।
बीड़ी मसालों के मामले में कभी-कभी पैसा नकद देना पड़ता है। वह पैसा अलग-अलग जगहों पर रखा हुआ था। इस प्रकार यदि हर मामला कानून के बहाने बंधा हुआ है तो धंधा बंद कर देना चाहिए।