मुंबई : पिछले सप्ताह हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के साथ अडानी ग्रुप की स्थिती बाजार में बेहद नाजुक हो गई है। अडानी समूह को लेकर चल रही खबरें विदेशी-घरेलू शेयर बाजारों से लेकर संसद तक हलचल पैदा कर रही हैं। लेकिन अब अडाणी के समर्थन में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ आ गया है। आरएसएस के मुख्यपत्र ऑर्गेनाइजर ने अडाणी का समर्थन करते हुए लिखा है कि अडानी ग्रुप पर हमले की शुरुआत 25 तारीख 2023 में शुरू नहीं हुई है। इस ग्रुप को टारगेट करने की पटकथा 2016- 17 में ऑस्ट्रेलिया में रची गई थी।
संघ के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर ने Decoding the hit job by Hindenburg against Adani Group नाम से एक आर्टिकल छापा है। इसमें लिखा गया है कि इस पूरे घटनाक्रम के पीछे किसका हाथ है। ऑर्गेनाइजर ने ये भी लिखा है कि अडानी ग्रुप पर यह हमला ऑस्ट्रेलिया से साल 2016-17 में शुरू हो चुका है और गौतम अडानी की छवि खराब करने और उन्हें बदनाम करने के लिए ऑस्ट्रेलियाई एनजीओ ने एक वेबसाइट चलाई है। वेबसाइट का नाम अडानीवॉचडॉटओआरजी था और इसका मकसद अडाणी ग्रुप को बदनाम करना था । इतना ही नहीं अब अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पूरी प्लानिंग के तहत बनाई गई है।
यह भी पढ़ें — सीओ को हाइवा से कुचलने का प्रयास , बालू तस्कर पर मामला दर्ज
आपको बताते चलें कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सामने आने के बाद अब तक अडाणी ग्रुप के 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा डूब गए हैं। हालांकि अडाणी ने खुद सामने आकर हिंडनबर्ग के सारे आरोपों को खारिज किया था लेकिन बाजार पर उसका ज्यादा असर देखने को नहीं मिला। उनके शेयर और नेटवर्थ में लगातार गिरावट जारी है।
ये मामला देश के संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गूंज रहा है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के पीछे कथित आपराधिक साजिश की जांच के लिए केंद्र और सेबी को निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर दी गई है। वकील मनोहरलाल शर्मा द्वारा दायर याचिका में तर्क दिया गया है। हिंडनबर्ग रिसर्च के अमेरिकी निवासी नैट एंडरसन और उनकी भारतीय संस्थाओं ने एक आपराधिक साजिश रची है ।