सागरदिघी विधानसभा उपचुनाव  थम गया चुनाव प्रचार

ओसी पर गिरी चुनाव आयोग की गाज, कुल 246 बूथ हैं

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सागरदिघीः सागरदिघी विधानसभा उपचुनाव का प्रचार शनिवार की शाम थम गया। इस सीट पर 27 फरवरी को मतदान होगा और मतगणना 2 मार्च को होगी।

चुनाव आयोग ने मतदान से 48 घंटे पहले सागरदिघी थाने के ओसी (ऑफिसर इन चार्ज) अभिजीत सरकार को हटाने का आदेश दिया है। उन्होंने शुक्रवार को ही इसके बारे में राज्य को एक पत्र भेज कर सूचित कर दिया है।

सागरदिघी उपचुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ती जा रही है। भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार सहित टीएमसी के नेतागण चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दिये थे।

उधर भाजपा और वाम-कांग्रेस गठबंधन ने दावा किया है कि मतदान के दौरान गड़बड़ी फैलाने के लिए बाहरी लोगों को लाया गया है। हालांकि तृणमूल ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है। उनका दावा है कि इस तरह की बातें कर विरोधी पार्टियां उन्हें गुमराह कर रही है।

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चुनाव आयोग का कहना है कि कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान होगा। कुल 246 बूथ हैं। आयोग ने कहा कि स्वतंत्र और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय बल सभी बूथों पर सुरक्षा के प्रभारी होंगे।

इस चुनाव के लिए आईएएस अधिकारी ई रवींद्रन को सामान्य पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। आयोग ने ओमप्रकाश त्रिपाठी को पुलिस पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।

इसके अलावा और अतिरिक्त पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। हालांकि नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी का दावा है कि न केवल सागरदिघी थाने के ओसी, बल्कि जंगीपुर जिले के पुलिस अधीक्षक भोलानाथ पांडेय को भी हटाने की जरूरत है। तृणमूल कांग्रेस के विधायक सुब्रत साहा के निधन के बाद ये सीट रिक्त हुई थी।

गौरतलब हो कि सुब्रत साहा सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार विधायक रहे थे। 2011 में वह मुर्शिदाबाद जिले से एकमात्र तृणमूल विधायक थे। इसके बाद उन्होंने 2016 और 2021 में जीत हासिल की। 29 दिसंबर 2022 को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था। उस सीट पर उपचुनाव के लिए देबाशीष बनर्जी को तृणमूल ने उम्मीदवार बनाया है। वहीं, भाजपा दिलीप साहा पर भरोसा जतायी है।