कोलकाताः संदेशखाली के इर्द-गिर्द पश्चिम बंगाल की राजनीति घूम रही है। केंद्र की मोदी सरकार भी इस मामले पर पूरी तरह से नजर गड़ाए हुए है। वहीं इस पूरे मामले को लेकर बंगाल विधासनभा में नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने सीबीआई जांच की मांग कर दी है। राज्य के नेता विपक्ष ने इस मामले को लेकर कहा कि ‘इसकी जांच सीबीआई को दिया जाए। जो लोग गवाह हैं उनके लिए सुरक्षा व्यवस्था की जाए। गवाहों की सुरक्षा एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा प्रदान की जानी चाहिए। टीएमसी के गूंडे वहां पर हथियार भेज रहे हैं।
शुभेंदु अधिकारी ने भी चोपड़ा के साथ हुई घटना के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने कहा, ‘चोपड़ा की घटना चौंकाने वाली है। बीएसएफ ने नहीं किया। वहां एजेंसी काम कर रही थी। उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। लेकिन मैं ममता बनर्जी से कहूंगा, आपको एक बार संदेशखाली जाना चाहिए।’ उनके मुताबिक चोपड़ा में किसी बच्चे की मौत के बारे में बीएसएफ को कुछ भी पता नहीं है। चोपड़ा को किसी तीसरे पक्ष को आउटसोर्स किया जा रहा था। क्या वह दोबारा संदेशखाली जाने की कोशिश करेंगे? इसके जवाब में विपक्षी दल के नेता ने कहा कि वह कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए अगला फैसला लेंगे। उन्होंने कहा, ’15 तारीख को संदेशखाली जाने के बारे में अदालत जो कहेगी मैं वही करूंगा।’
गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने संदेशखाली की धारा 144 जारी करने के आदेश को खारिज कर दिया। जज ने कहा कि संदेशखाली के संवेदनशील इलाकों की पहचान की जानी चाहिए। इसके अलावा, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि संदेशखाली में अधिक सशस्त्र पुलिस तैनात की जानी चाहिए।