कोलकाताः सयुंक्त संग्रामी मंच जो पिछले कई महीनों से केंद्र के बराबर डीएम की मां कर रहा है। लेकिन उनकी मांग अब तक सुनी नहीं गई है।राज्य सरकार की तरफ से कई बार कहा जा चुका है कि वो डीए नहीं देंगे। आंदोलन के एक साल होने वाले है। इसी को लेकर नावन्न के सामने धरना देने की अनुमति कलकत्ता हाईकोर्ट से मांगी गई थी। आज इसी मामले पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी है। अब संयुक्त संग्रामी मंच राज्य के सचिवालय नावन्न के सामने धरना दे सकेगा।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने 24 तारीख तक नबन्ना के सामने धरना देने की इजाजत दे दी है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शर्तों के साथ यहां पर प्रदर्शन की इजाजत दी है। गौरतलब है कि संयुक्त संग्रामी मंच 19 दिसंबर से नावन्न के समक्ष धरना देना चाहता था। लेकिन जब पुलिस ने अनुमति नहीं दी तो उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कोलकाता हाई कोर्ट के जस्टिस राजशेखर मंथा ने आज (गुरुवार) यह आदेश दिया। लेकिन धरने की इजाजत शर्तों के साथ ही दी गई है। शर्त ये है कि इस धरने में 300 कर्मचारी शामिल हो सकते हैं। सब कुछ सरकारी नियमों के मुताबिक होना चाहिए। यह धरना नावन्न बस स्टैंड पर किया जा सकता है।