कोलकाता: पश्चिम बंगाल के भारतीय जनता पार्टी के विधायक सपन मजूमदार विवादों में फंस गए हैं। उन्होंने थाने में पहुंचकर पुलिसवालों को धमकी दी।
बनगांव दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के एक पुलिस थाने को उन्होंने जला देने की धमकी दी है। उनकी यह धमकी वायरल हो रही है। उन्होंने पुलिसवालों से कहा कि अपना रवैया नहीं बदला तो वह थाने में आग लगा देंगे। इस बयान के बाद भाजपा और तृणमूल आमने-सामने आ गयी है। एक ओर जहां इस बयान को लेकर भाजपा सफाई दे रही है, वहीं, दूसरी ओर तृणमूल हमलावर है।
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गौरतलब है कि सपन मजूमदार उत्तर 24 परगना जिले के अशोकनगर इलाके में एक रैली में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। मजूमदार ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक (आईसी) और प्रभारी अधिकारी (ओसी) बीजेपी कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित कर रहे हैं।
बीजेपी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिसवाले इलाके में तृणमूल कार्यकर्ताओं को गैरकानूनी गतिविधियों की अनुमति दे रहे हैं।
बीजेपी विधायक ने कहा कि अशोकनगर पुलिस थाने के आईसी और ओसी पर कई चेतावनी दिए। उन्होंने कहा कि पुलिस अपने इलाके में टीएमसी कार्यकर्ताओं के उत्पात बंद करें, बीजेपी कार्यकर्ताओं और आम आदमियों को झूठे मामले में गिरफ्तार करना बंद करें।
इलाके में हमारे एक कार्यकर्ता की टीएमसी सदस्यों ने बुरी तरह पिटाई की, लेकिन इस मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। हम कभी इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर आप अपना रवैया नहीं बदलेंगे तो हमें किसी दिन पुलिस थाने में आग लगानी पड़ेगी।
इस घटना के बाद बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी मजूमदार की टिप्पणियों का समर्थन नहीं करती है, हालांकि इसे ध्यान में रखा जाए कि उन्होंने मजबूरन ऐसे शब्द कहें, क्योंकि जब टीएमसी भाजपा समर्थकों पर हमले करती है तो पुलिस मूक दर्शक बनी रहती है।
वहीं, इस मामले में राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा कि बीजेपी विधायक ने उस भाषा में बात की, जो भगवा पार्टी के नेताओं के लिए विशिष्ट है।
उन्होंने कहा कि भाजपा लूट, आगजनी, तोड़फोड़ की घटना में विश्वास करती है। उनके नेता ठगी की भाषा में बात करते हैं। इन सभी का जवाब आने वाले पंचायत चुनावों में भाजपा को मिलेगी।