कोलकाता: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली मंगलवार दोपहर अचानक राजभवन राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मिलने के लिए पहुंचे। वे करीब पांच बजे राजभवन गए थे। उन्होंने काली कार में राजभवन में प्रवेश किया। हालांकि, अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि वह राजभवन क्यों गए थे। इधर, सौरभ के राजभवन जाने को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। कई तरह की अफवाहें फैल रही हैं।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले सौरभ गांगुली को त्रिपुरा टूरिज्म का ब्रांड एंबेसडर बनने का ऑफर मिला था। बंगाल की राजनीति में इसकी खूब चर्चा हुई। किसी ने सौरभ का पक्ष लिया तो किसी ने उनका विरोध किया था। उदाहरण के लिए, तृणमूल पार्षद विश्वरूप दे जो लंबे समय से सीएबी के प्रमुख हैं, उन्होंने सीधे सौरभ गांगुली पर सवाल उठाया। इतना ही नहीं, उन्होंने सौरभ मामले में त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों की भूमिका को लेकर आपत्ति भी जताई थी।
सौरभ न केवल बंगाल के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक आइकन हैं। सौरव को लेकर काफी समय से राजनीतिक खींचतान चल रही है। उनको लेकर कई बार यह भी अफवाहें उठी हैं कि वे किस पार्टी में हैं। तृणमूल में हैं या भाजपा में हैं। हालांकि, सौरभ ने सारी अटकलों पर विराम लगाते हुए अपने को राजनीतिक दुनिया से अगल बताया था।
सौरभ को लेकर राज्य के सत्ताधारी खेमे और केंद्र के सत्ता खेमे के बीच अक्सर तनाव चलता है। प्रदेश की सीएम ममता कई बार सौरभ से मुलाकात कर चुकी हैं। इसके अलावा, वे भी ममता से मिलने के लिए नवान्न गए थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार भी खाना खाने उनके घर गए थे।