जाति आधारित जनगणनाः SC का याचिका पर सुनवाई से इनकार, कहा, हाईकोर्ट ले लगाएं गुहार

जाति आधारित गणना बिहार सरकार करवा रही है

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नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बिहार में राज्य सरकार जाति आधारित जनगणना के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार दिया है।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य भर में जाति आधारित जनगणना कराने के बिहार सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली विभिन्न दलीलों पर कहा, याचिकाकर्ता संबंधित हाईकोर्ट से गुहार लगाएं।

उल्लेखनीय है कि बिहार में राज्य सरकार जाति आधारित जनगणना करवा रही है। इस पर रोक लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिका दायर की गयी थी।

इस पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य भर में जाति आधारित जनगणना कराने के बिहार सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली विभिन्न दलीलों पर कहा कि याचिकाकर्ता संबंधित हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएं।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर बिहार सरकार को बड़ी राहत मिली है। बिहार में जाति आधारित जनगणना का प्रथम चरण 21 जनवरी को समाप्त हो रहा है। दूसरा चरण एक अप्रैल से शुरू होगा।

बिहार सरकार ने 31 मई तक जाति आधारित गणना का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

लेकिन इस बीच, बिहार में जाति आधारित जन जनगणना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिका दायर की गयी थी। लेकिन शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार कर दिया।

अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, याचिकाकर्ता संबंधित हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएं।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यह एक प्रचार हित याचिका है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि हम विशेष जाति को कितना आरक्षण दिया जाना चाहिए, इस बारे में निर्देश कैसे जारी कर सकते हैं।

जजों ने कहा कि हम इस तरह के निर्देश जारी नहीं कर सकते हैं और इन याचिकाओं पर विचार नहीं कर सकते हैं। पीठ ने आदेश दिया कि सभी याचिकाओं को वापस ले लिया गया मानकर खारिज किया जाता है। कानून में उचित उपाय खोजने की स्वतंत्रता दी जाती है।

बता दें कि जाति आधारित गणना बिहार सरकार करवा रही है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिका दायर की गई थी।

इसमें हिंदू सेना और नालंदा जिले के एक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बिहार सरकार के छह जून 2022 के नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की गई थी।