प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन यानी SCO शिखर सम्मेलन की मेजबानी की है। इस मीटिंग में उन्होंने शिखर सम्मेलन में एससीओ के सभी सदस्यों देशों को संबोधित करते हुए आतंकवाद की मुद्दा उठाया है। पीएम मोदी ने इस मीटिंग को वर्चुअली अटेंड किया। इस शिखर सम्मेलन में भारत के अलावा चीन, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, कजाकिस्तान, उज्वेकिस्तान के राष्ट्रपति और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शामिल हुए।
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने पीएम मोदी के उद्बोधन के बारे में बताते हुए कहा कि पीएम मोदी ने शिखर सम्मेलन के दौरान आतंकवाद का मुद्दा उठाया है, उन्होंने एससीओ संगठन में भारत के दिए गए कंट्रीब्यूशन को भी याद दिलाया है। खासतौर पर पिछले 6 सालों में बतौर एक स्टेट मेंबर भारत ने इस संगठन में बहुत योगदान दिया है।
विनय क्वात्रा ने बताया कि पीएम मोदी ने शिखर सम्मेलन के दौरान आतंकवाद के खिलाफ सभी देशों को मिलकर काम करने की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि सभी देशों को आतंकवाद को उखाड़ फेंकने की जरूरत है। एससीओ के सदस्यों को आतंकवाद से लड़ना बेसिक मेंडेट है। अन्य देशों ने भी पीएम मोदी की इस बात का समर्थन किया है।
सम्मेलन के दौरान सभी सदस्यों ने ईरान के एससीओ में फुल मेंबर स्टेट बनने की प्रोसेस को पूरा करने पर स्वागत किया है। पीएम मोदी ने भी ईरान के प्रेसिडेंट इब्राहिम रईसी को बधाई दी है। इस सम्मेलन के दौरान सभी नेताओं ने बेलारूस को भी संगठन में शामिल होने के ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के सभी के फैसले का स्वागत किया। यह प्रक्रिया 2024 एससीओ शिखर सम्मेलन तक पूरी की जाएगी।
समिट के आउटकम के रूप में सभी नेताओं ने भारत की ओर से दिए गए डिक्लेयरेशन और जॉइंट स्टेटमेंट पर अपनी सहमति जताई है। इसमें अलगाववाद, उग्रवाद और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले कट्टरपंथ का मुकाबला करने में सहयोग और दूसरा डिजिटल परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग पर समर्थन जैसे मुद्दे शामिल हैं।