सीटों के बंटवारे का मुद्दा : बंगाल में भी फंसेंगा पेंच?

कांग्रेस को 1-2 सीटों तक सीमित करने के मूड में टीएमसी

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कोलकाता, सूत्रकार : विपक्ष के इंडिया गठबंधन में जिस बात की आशंका थी, वो सच साबित हो रही है। यूपी के बाद अब पश्चिम बंगाल में सीटों के बंटवारे का मुद्दा उलझ गया है। राज्य की सत्ता पर काबिज ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने कांग्रेस को 42 लोकसभा सीटों में से केवल 2 सीटें ऑफर की हैं। हालांकि बंगाल कांग्रेस के नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मीटिंग के दौरान कहा कि वे कम से कम 6 या 8 सीटें चाहते हैं। कुछ दिन पहले ही दिल्ली में विपक्षी गुट की बैठक हुई है। आगे अब संयोजक का नाम घोषित करने के साथ ही सीट शेयरिंग पर सहमति बनाई जानी है।

गौर करने वाली बात यह है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी ने राज्य की 42 में से 22 सीटें जीती थीं, भाजपा को 18 और कांग्रेस को मात्र 2 सीटें मिली थीं। ऐसे में टीएमसी के नेता कह रहे हैं कि कांग्रेस के पास केवल दो सांसद हैं, विधायक एक भी नहीं है। अगर कांग्रेस के साथ सीटें साझा की जाती हैं तो उन्हें अलायंस के बाद दो से ज्यादा लोकसभा सीटें नहीं दी जानी चाहिए।

दरअसल, बंगाल के कई नेता इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि कांग्रेस का वोट टीएमसी को ट्रांसफर होगा या नहीं। उधर, खरगे ने पार्टी नेताओं से कहा है कि हम जमीनी हालात को समझ रहे हैं लेकिन बीजेपी को हराना होगा। कुछ इसी तरह का पेंच यूपी में फंसा हुआ है। एमपी चुनाव के अनुभवों से नाराज अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को दहाई से कम सीटें देने के पक्ष में हैं। कुछ रिपोर्टों में यह आंकड़ा 6 या 8 सीटों का बताया जा रहा है।