पश्चिम बंगाल में माध्यमिक परीक्षा 23 फरवरी से शुरू

परीक्षा में सीसीटीवी से होगी निगरानी

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कोलकाता : बंगाल में माध्यमिक यानी 10वीं की परीक्षा गुरुवार (23 फरवरी) से शुरू होगी। इस वर्ष माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने माध्यमिक परीक्षा केंद्रों में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की है।

साथ ही परीक्षा में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए हर परीक्षा केंद्र में सीसीटीवी कैमरा लगाये जा रहे हैं, जो इस बार विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

इस बीच परीक्षा के पहले दिन दार्जिलिंग बंद के आह्वान से पहाड़ के परीक्षार्थी चिंतित हैं। हालांकि, उनके लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है और विनय तमांग ने उन्हें इस बारे में आश्वासन दिया है कि परीक्षार्थियों को कोई बाधा नहीं दी जाएगी।

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माध्यमिक बोर्ड के अध्यक्ष रामानुज गंगोपाध्याय ने मंगलवार को कहा कि परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए माध्यमिक बोर्ड द्वारा कंट्रोल रूम खोला जा रहा है। बोर्ड की हर परीक्षा केंद्र पर नजर रहेगी।

रामानुज ने बताया कि इस साल कुल 6 लाख 98 हजार 724 छात्र माध्यमिक परीक्षा दे रहे हैं। कुल 2 हजार 867 केंद्रों पर परीक्षा हो रही है। प्रत्येक परीक्षा केंद्र में निगरानी के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। हर परीक्षा केंद्र में सीसीटीवी लगाया जा रहा है।

बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि 100 प्रतिशत परीक्षा केंद्र में सीसीटीवी है। 2790 से 2795 केंद्रों में सीसीटीवी पहले ही लगाए जा चुके हैं। बाकी केंद्र पर भी लगाए जा रहे हैं। जिला प्रशासन उन स्कूलों के लिए व्यवस्था कर रहा है, जो सीसीटीवी नहीं लगा सकते थे।

बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि इसके अलावा वर्तमान में सर्दी और बुखार से सभी पीड़ित हैं। प्रत्येक केंद्र में सिक रूम की व्यवस्था होगी, जैसे-जैसे बुखार या शारीरिक बीमारी बढ़ रही है, हम अतिरिक्त उपाय कर रहे हैं। हर केंद्र में सिक रूम की व्यवस्था की जा रही है। इस संबंध में प्रशासन से भी बात की गई है।

इसके अलावा कई शिक्षकों और शिक्षाकर्मियों की नौकरी पहले ही कोर्ट के आदेश से रद्द हो चुकी है। इसके चलते माध्यमिक परीक्षाओं की देखरेख में शिक्षकों की कमी का अंदेशा बना हुआ है।

इस संबंध में बोर्ड के अध्यक्ष रामानुज ने कहा कि न्यायालय के आदेश के अनुसार कुल 620 शिक्षक विचाराधीन हैं लेकिन, उन्हें माध्यमिक परीक्षा की ड्यूटी दी जाएगी या नहीं, इस बारे में अभी कोई नीति तय नहीं हुई है।

कोर्ट से कोई आदेश नहीं आया। इसलिए अभी तक कोई फैसला नहीं किया है लेकिन कल तक का समय है। उन्होंने कहा कि वहां क्या किया जा सकता है, देखा जा रहा है।

दूसरी तरफ कोर्ट के आदेश ने ग्रुप डी के कई कर्मचारियों की नौकरी भी रद्द कर दी है। नतीजतन, कई स्कूलों में वर्तमान में ग्रुप डी स्टाफ नहीं है। रामानुज ने कहा कि उस मामले में उन केंद्रों को चलाने के लिए पड़ोसी स्कूलों से ग्रुप डी के कर्मचारियों को लाने का निर्णय लिया गया है, जिनमें ग्रुप डी के कर्मचारी नहीं हैं।