मुझे साबरमती केंद्रीय जेल भेज दो- आखिर सजा के बाद अतीक ने ऐसा क्यों कहा?

अतीक को हुई आजीवन कारावास

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लखनऊ : एक वक्त पर उत्तर प्रदेश के प्रमुख माफियाओं में शुमार अतीक अहमद को कल गुजरात से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जेल में ला दिया गया। पूरे रास्ते उसके और उसके परिवार के अंदर एनकाउंटर का डर साफ दिखता रहा है। शायद यही कारण था कि उसकी बहन पूरे रास्ते वो जिस गाड़ी में आ रहा था उसका पीछ करते हुए आई। आज यानी मंगलवार को 17 साल पुरानें में उमेश पाल अपहरण मामले में सुनवाई करते हुए प्रयागराज की MP-MLA कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद समेत 3 को दोषी करार दिया है। भाई अशरफ समेत 7 आरोपियों को बरी कर दिया। इस केस में 11 लोग आरोपी थे, इसमें एक की मौत हो चुकी है।

अतीक, खान सौलत और दिनेश पासी को कोर्ट ने आजीवन करावास की सजा सुनाई है। आपको बताते चलें कि माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को उमेश पाल के अपहरण के मामले में प्रयागराज की एमपी-एमएलए अदालत में दोपहर करीब 12 बजे पेश किया गया।

जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट के जज दिनेश चंद्र शुक्ला ने साल 2006 में हुए उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद, उसके वकील सौलत हनीफ और पूर्व सभासद दिनेश पासी समेत तीन आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 364-ए के तहत दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी।
जिन्हें बरी किया गया है उनके नाम- अशरफ उर्फ खालिद अजीम, फरहान, जावेद उर्फ बज्जू, आबिद, इसरार, आशिक उर्फ मल्ली, एजाज अख्तर हैं।

जब अतीक को कोर्ट परिसर में लाया गया उस वक्त परिसर में वकीलों ने फांसी दो फांसी के नारे लगाए। इससे पहले नैनी सेंट्रल जेल से अतीक को बंद वैन में कोर्ट लाया गया था। इसमें CCTV कैमरे और पर्दे लगे थे। कोर्ट तक 10 किमी की दूरी 28 मिनट में तय हुई। एक वक्त पर उत्तर प्रदेश को अपने खौफ से डराने वाले माफिया आज खुद पूरी तरह से खौफ में दिख रहा था।
17 साल पुराने मामले में हुई सजा
जिस मामले में अतिक को सजा हुई है वो दरअसल, 17 साल पुराना है। यह मामला बहुजन समाज पार्टी (BSP) विधायक राजू पाल के मर्डर केस से जुड़ा हुआ है. इस मर्डर केस के अहम गवाह उमेश पाल को 28 फरवरी 2006 में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ ने उमेश पाल को किडनेप कराया था। कहा जाता है कि उमेश पाल को बुरी तरह मारने और पीटने और परिवार के लोगों को भी जान से मारने की धमकी देते हुए अदालत में हलफनामा दाखिल कराया था।

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हालांकि जब सरकार बदली तो अतीक का वक्त भी बदला। मायावती सरकार आने उमेश पाल ने अतीक अहमद उसके भाई अशरद समेत 5 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। लेकिन जब पुलिस ने जांच शुरू की 6 और लोगों के नाम भी सामने आए। जिसके बाद पुलिस ने अदालत में 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। जिनमें से 10 आरोपियों को अदालत ने आज मुजरिम करार दिया है।