पार्थ सहित सात को फिर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत

पूर्व मंत्री ने कहा-होगी सत्य  की जीत

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कोलकाता : नये वर्ष पर भी एसएससी भर्ती घोटाले के आरोपी जेल में ही रहेंगे। गुरुवार को पूर्व शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी सहित 7 आरोपियों को फिर से 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। यहां बता दें कि पार्थ चटर्जी सहित 7 आरोपियों की 10 दिनों की न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद अलीपुर सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से सभी की जमानत याचिका खारिज कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

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दूसरी तरफ सुनवाई के कोर्ट से निकलते वक्त पार्थ चटर्जी ने कहा, मेरे ऊपर जिन्होंने विश्वास रखा था वह अपना विश्वास बनाये रखें। सत्य की जीत होगी। यहां बता दें कि कोर्ट में पेश होने से पहले पार्थ चटर्जी ने टीएमसी के प्रतिष्ठा दिवस की शुभकामनाएं दी थी।

जांच के नाम पर सीबीआई कर रहा शक्ति प्रदर्शन- वकील

कोर्ट में पार्थ चटर्जी के वकील सलीम रहमान ने दलील दी कि उनके मुवक्किल की आजादी से खिलवाड़ किया जा रहा है। जांच के नाम पर सीबीआई शक्ति का प्रदर्शन कर रहा है। संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। सीबीआई लुकाछिपी खेल रहा है। पार्थ चटर्जी के वकील ने कोर्ट में ये भी दावा किया कि 82 दिन के बाद भी जांच किस दिशा में बढ़ रही है इस बारे में भी सीबीआई कुछ नहीं बता पा रहा है। अगर देखा जाये तो जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है। इसके साथ ही  पार्थ चटर्जी के वकील ने पार्थ के खिलाफ चार्जशीट में किन-किन आरोपों का उल्लेख किया है, उसकी जानकारी मांगी। हालांकि सीबीआई के वकील ने जांच में प्रगति का हवाला देते हुए जमानत नहीं देने की कोर्ट से अपील की। पार्थ चटर्जी के वकील और सीबीआई की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने पार्थ सहित 7 आरोपितों को फिर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वहीं एसपी सिन्हा के वकील संजय दासगुप्ता ने संवाददाताओं से कहा कि आज कोर्ट में आकर पता चला कि सीबीआई अभी भी यहीं जांच कर रही है कि रुपये के एवज में नौकरी दी गयी थी या नहीं। इसी तथ्य के आधार पर संजय दासगुप्ता ने सवाल किया कि जब सीबीआई अभी तक यही नहीं साबित कर पाया कि रुपये लेकर नौकरी दी गयी थी तो सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट कैसे दाखिल कर दी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन का हवाला देते हुए कहा कि बाहुबल का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है लेकिन सीबीआई इस गाइडलाइन की अवहेलना कर रहा है। गौरतलब है कि इससे पहले पार्थ की तरफ से सशर्त जमानत का आवेदन किया था लेकिन सीबीआई की दलील पर उनकी जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। सीबीआई ने जांच में पार्थ के खिलाफ गंभीर आरोप लगाये हैं और केस डायरी में भी पार्थ द्वारा षड्यंत्र का आरोप लगाया गया है। मालूम हो कि ईडी के मामले में भी पार्थ चटर्जी 7 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में है। दरअसल, गत 15 दिसंबर को जेल से ही वर्चुअल पेशी हुई थी, जहां मामले की सुनवाई कर कोर्ट ने उन्हें 7 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्देश दिया था।