अणुब्रत के खिलाफ शिकायत करने वाले शिवठाकुर टीएमसी से निलंबित

दुरबारजुर में पार्टी कार्यकर्ता है शिवठाकुर

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बीरभूमः अणुव्रत मंडल के खिलाफ मवेशी तस्करी मामले होने के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने अब शिवठाकुर मंडल को पार्टी से निलंबित करने का फैसला लिया है। टीएमसी के बीरभूम जिले के उपाध्यक्ष मलय मुखोपाध्याय ने दुबराजपुर में पार्टी कार्यकर्ता शिवठाकुर को निलंबित करने की जानकारी दी।

तृणमूल के बीरभूम जिला उपाध्यक्ष ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर शिवठाकुर मंडल ने जिस तरह से जिला तृणमूल अध्यक्ष के खिलाफ मामला दर्ज कराया है, वह निंदनीय है। इसी को ध्यान में रखते हुए शिवठाकुर को पार्टी से निलंबित करने का फैसला लिया गया है। उन्हें पार्टी से निलंबित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।

मलय ने यह भी कहा कि चूंकि अणुब्रत को पुलिस हिरासत में ले लिया गया है, इसलिए वह दुबराजपुर थाने में रहेगा। उन्हें अस्पताल ले जाने की कोई योजना नहीं है। प्राथमिक रूप से यह जानकारी मिली है कि अणुब्रत को सिउड़ी अस्पताल में शिफ्ट किया जा सकता है। इसी के आधार पर मुखोपाध्याय ने अपनी स्थिति स्पष्ट की।

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इधर, टीएमसी ने पार्टी से निलंबित करने का जो फैसला लिया है उस पर शिवठाकुर ने कहा, जब मैं पहली बार बालीगुड़ी पंचायत का प्रधान और युवा अध्यक्ष बना, तो ढाई साल बीतने के बाद ही मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर मुझे पद से हटा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि अणुब्रत मंडल ने उन्हें हटाने के लिए कहा था। लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में जब उन्होंने दूसरी पार्टी में जाने की सोची तो बवाल शुरू हो गया।

आरोप है कि अणुब्रत ने उन्हें दुबराजपुर में पार्टी कार्यालय में बुलाया। जहां बीरभूम जिला तृणमूल अध्यक्ष ने उन्हें मारने की कोशिश की। उस समय तो वह हाथ-पांव पकड़कर किसी तरह से घर लौट आया।

लेकिन मवेशी तस्करी मामले में जेल जाने के बाद ही शिवठाकुर ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उस मामले में अणुब्रत को 7 दिन की पुलिस हिरासत में रखा गया था। वहीं, शिवठाकुर को पार्टी ने भी निलंबित करने का फैसला लिया है।

दूसरी ओर, अणुव्रत मंडल को मवेशी तस्करी मामले में दूसरे राज्य में ले जाया जा सकता है। इस बीच, ईडी को अणुब्रत को दिल्ली ले जाने की इजाजत मिल गयी है।

आपको बता दें कि अभी अणुब्रत आसनसोल जेल में बंद है। ईडी दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा जारी प्रोडक्शन वारंट जमा करेगा। उसके आधार पर अणुव्रत मंडल को अदालत में पेश किया जाएगा। लेकिन अणुव्रत मंडल चाहें तो दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं।