अवैध खनन मामले में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

जिले में वैध पत्थर खदान की संख्या साल दर साल घटता चला गया। इस स्थान पर सीटीओ की कमी के कारण कई पत्थर खदानों को बंद करना पड़ा।

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साहिबगंज : जिले में वैध पत्थर खदान की संख्या साल दर साल घटता चला गया। इस स्थान पर सीटीओ की कमी के कारण कई पत्थर खदानों को बंद करना पड़ा। एक बार फिर इस पत्थर खदान को सीटीओ नहीं दिया गया। इस वजह से यहां अवैध खनन बढ़ता गया। खनन कार्यालय की रिपोर्ट है कि वर्तमान में संचालन में 94 कानूनी पत्थर की खदानें हैं।पांच साल पहले यानि वर्ष 2018 में 212 वैध पत्थर खदान संचालित था। दरअसल, जिले में मैनपावर व आवश्यक संसाधन के अभाव में विभाग नियमित रूप से माइंस क्षेत्र की मॉनिटरिंग नहीं कर पाता है। इससे भी अवैध खनन को बढ़ावा मिलता है। एक कारण यह भी बताया जाता है कि पहले आसानी से लीज मिल जाता था। लोग वैध तरीके से पत्थर खदान संचालित करते थे। जिनका लीज खत्म हुआ, नवीकरण नहीं होने से उनमें से कई लोगों पर उसी पत्थर खदान में उत्खनन का आरोप लगता रहा है।

 

जिले में खनन विभाग का राजस्व तेजी से बढ़ा

जिले में खनन विभाग का राजस्व तेजी से बढ़ा। खनन कार्यालय को वित्तीय वर्ष 2022-2023 में राजस्व वसूली में 147 करोड़ रुपये का लक्ष्य सौंपा गया था। वित्तीय वर्ष से आज तक खनन कार्यालय का राजस्व 153 करोड़ रुपये था। बाद में संशोधन और वृद्धि के बाद राजस्व में 185 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके बजाय, विभाग राजस्व में कुल 197 करोड़ रुपये की वसूली करने में सक्षम था।

 

अब तक 112 मामले सामने आ चुके हैं

जिले में पिछले दो वर्षों में अवैध खनन और परिवहन के आरोप में 112 मामले दर्ज किए गए हैं। जानकारी के अनुसार मार्च 2023 तक सात मामले, 2022 में 67 मामले और 2021 में 47 मामले सामने आए हैं। अवैध खनन रोकने के लिए चल रहे प्रयास के दौरान सैकड़ों वाहन जब्त किए गए हैं। खनन विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक, मार्च 2022 से मार्च 2023 के बीच खनन अधिनियम का उल्लंघन करते हुए 135 ट्रैक्टर, ट्रक और हाईवे जब्त किए गए। साथ ही अवैध खनन में इस्तेमाल होने वाले करीब 28 पोकलेन और एक जेसीबी भी बरामद की गई है।

 

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