भू- माफिया के निशाने पर बड़ाबाजार का श्री दिगंबर जैन विद्यालय

68

अंकित कुमार सिन्हा

कोलकाता : कोलकाता के बड़ाबाजार इलाके में स्थित कई ऐतिहासिक इमारतों के साथ ही अब स्कूलों पर भी प्रमोटिंग की गाज गिरने लगी है तथा जमीन हजम करने वाले कई मगरमच्छ आजकल स्कूल के छात्रों, अभिभावकों व शिक्षकों को डराने लगे हैं। इस चर्चित स्कूल का नाम है श्री दिगम्बर जैन विद्यालय।

अबतक हजारों छात्रों का भविष्य सुधारने वाले इस स्कूल के अपने ही भविष्य पर सवाल खड़ा हो गया है। बताया गया है कि स्कूल को कहीं और हटाया जाएगा। दावा यह है कि

स्कूल को मरम्मत की जरूरत है इसलिए इसे स्थानांतरित किया जाएगा। इस आशय की चिट्ठी स्कूल में आते ही

हड़कंप मच गया है। आनन-फानन में स्कूल बचाने की मुहिम छेड़ी गई है जिसमें श्री दिगंबर जैन विद्यालय बचाओ कमिटी ने एक हस्ताक्षर अभियान चलाया है।

लोगों को आशंका

स्कूल हटाने के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे लोगों का दावा है कि 65 साल से ज्यादा वक्त से चल रहे इस स्कूल को हमेशा के लिए यहां से हटाने की साजिश रची जा रही है। गौरतलब है कि बड़ाबाजार के खास केंद्र सत्यनारायण पार्क के पास मौजूद इस स्कूल के आसपास की जमीनें काफी कीमती हैं और लोगों को अंदेशा है कि जमीन हड़पने की साजिश के तहत ही स्कूल हटाने की बात की जा रही है।

क्यों हो रहा है संदेह

कुछ दिन पहले पार्षद संतोष पाठक ने केएमसी हाउस के दिन मुद्दा उठाया था कि बड़ाबाजार की कई धर्मशालाओं को तोड़ा जा रहा है और उनकी जगह पर अवैध प्रमोटिंग की जा रही है। सभी को यही संदेह है कि कहीं दिगंबर जैन विद्यालय भी उसी का एक हिस्सा तो नहीं है।

 

क्या कहते हैं शिक्षक

सूत्रकार ने स्कूल के प्रधानाध्यापक, शिक्षकों और अभिभावकों व स्थानीय लोगों से इस मामले में जानकारी हासिल करने की कोशिश की है। इसके तहत स्कूल के टीचर इन चार्ज हर्ष नारायण मिश्रा ने बताया कि यहां स्कूल 65 सालों से चल रहा है। अहिंसा प्रचार समिति ने इस स्कूल को बनाया था। यहां पर पढ़ने वाले सभी बच्चे मध्यम और गरीब परिवार से आते हैं। अचानक मैनेजमेंट की ओर से खबर आती है कि इस स्कूल को शिफ्ट करके गिरीश पार्क भेजा जा रहा है। कारण बताया जा रहा है स्कूल की मरम्मत।

टीचर इन चार्ज हर्ष नारायण मिश्रा ने कहा कि मरम्मत करनी ही है तो जब स्कूल की छुट्टी होती है उस दौरान किया जा सकता है। स्कूल की इमारत अभी भी मजबूत है बहुत ज्यादा मरम्मत की जरूरत भी नहीं है। फिर भी ऐसा क्यों किया जा रहा है, समझ से परे है।

शिक्षिका मंजू बोस ने बताया कि मैं पिछले 10 सालों से यहां पढ़ा रही हूं। सभी गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चे ही पढ़ने आते हैं। स्कूल में बड़ी मरम्मत की भी जरूरत नहीं है। इससे पहले भी मरम्मत हुई, लेकिन स्कूल स्थानांतरित नहीं हुआ। मगर अभी क्यों। शिक्षिका सोना झा ने बताया कि इससे बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी होगी। मैनेजमेंट को ये बातें सोचनी चाहिए। हर हाल में यह रुकना चाहिए।

समाजसेवियों में तल्खी

समाजसेवी जगमोहन जोशी और वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि बड़ाबाजार में धर्मशालाओं को लेकर पहले से ही काफी समस्याएं चल रही हैं। अब विद्यालय को हटाकर पूरे स्कूल को कमर्शियल कर दिया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि इसमें यहां के लोकल पार्षद और विधायक का मौन समर्थन है। सरकार इसे लेकर गंभीर नहीं है। पूरे इलाके में ऐसा ही हो रहा है।

क्या कहते हैं पार्षद

इलाके के पार्षद महेश शर्मा ने कहा है कि हम कोशिश कर रहे हैं कि स्कूल को स्थानांतरित न किया जाय। इससे आम लोगों की भावनाएं इससे जुड़ी हैं। हम संबंधित अधिकारियों से बात करे रहे हैं।