शुभेंदु अधिकारी को लगा हाईकोर्ट से झटका

एफआईआर दर्ज करने के लिए अनुमति लेने की जरूरत नहीं: हाईकोर्ट

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कोलकाता: राज्य के विपक्षी नेता और भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी को कलकत्ता हाईकोर्ट से झटका लगा है। हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सकती है। गुरुवार को जस्टिस इंद्रप्रसन्ना मुखोपाध्याय और जस्टिस विश्वरूप चौधरी की खंडपीठ ने अंतरिम आदेश में कहा कि पुलिस आरोपों की सत्यता की जांच कर कानून के मुताबिक कार्रवाई करेगी। अगर शिकायत सही पाई गई तो पुलिस एफआईआर दर्ज कर सकती है लेकिन गिरफ्तार करने या सख्त कार्रवाई करने से पहले कोर्ट की इजाजत लेनी होगी। पिछले साल दिसंबर में, न्यायमूर्ति राजशेखर मंथर की कलकत्ता उच्च न्यायालय की पीठ ने अधिकारी के खिलाफ राज्य पुलिस द्वारा दायर 26 एफआईआर पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि शुभेंदु के खिलाफ नया केस दायर करने के लिए कोर्ट की इजाजत ली जाए।

शुभेंदु ने एक एफआईआर के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अदालत से उनकी दलील थी कि या तो एफआईआर खारिज कर दी जाए या आरोपों की जांच सीबीआई से कराई जाए। उस मामले की सुनवाई में जस्टिस मंथा ने कहा था कि वे राज्य में विपक्ष के नेता हैं। वह जनता द्वारा चुने गये हैं। पुलिस खुद या किसी और के इशारे पर विपक्षी नेता के खिलाफ एक के बाद एक आरोप दर्ज कर जनता के प्रति उनके कर्तव्य को दबाने की कोशिश कर रही है।