नई दिल्लीः ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने देश भर में इस्तेमाल की जाने वाली कई ‘नकली’ दवाओं को लेकर चेतावनी जारी की है।
डीसीजीआई की जारी चेतावनी में एंटी-एलर्जिक मोंटेयर, कार्डियो ड्रग एटोरवा, स्टैटिन ड्रग रोजडे, पेनकिलर जिरोडल, कैल्शियम, विटामिन-डी की गोलियां और हिमाचल प्रदेश की एक कंपनी द्वारा निर्मित विटामिन-डी की गोलियां शामिल की गई हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भारत के सर्वोच्च दवा नियामक ने देश भर के निरीक्षकों को हिमाचल प्रदेश की एक कंपनी द्वारा निर्मित ‘नकली’ दवाओं का पता लगाने के लिए चेतावनी जारी की है।
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बता दें कि हिमाचल प्रदेश के स्टेट ड्रग कंट्रोलर द्वारा दायर एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए डीसीजीआई ने यह चेतावनी जारी की है।
इस बारे में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया वीजी सोमानी ने भारत भर के ड्रग इंस्पेक्टरों को सतर्कता बढ़ाने के लिए एक पत्र भेजा है। इस पत्र के साथ ‘नकली’ दवाओं की एक सूची दी गयी है। इस सूची में उल्लिखित दवाओं की तलाश करने का निर्देश दिया गया है।
आपको बता दें कि गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में मौत की खबरों के बाद भारतीय दवा निर्माताओं पर नकेल कसने के लिए केंद्र सरकार ने यह कदम उठाये हैं।
सूत्रों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के एक निरीक्षक ने बद्दी और आगरा में छापे के दौरान जब्त की गई ‘नकली’ दवाओं और अन्य सामग्रियों का विवरण संलग्न करके यह सूचना भेजी है। इसका उल्लेख कर सोमानी ने देश भर के राज्य दवा नियामकों को इसकी जानकारी दी है।
उक्त पत्र के मुताबिक बाजार में ‘नकली’ दवाओं का स्टॉक पहले से उल्लिखित फर्म और उसकी थोक एजेंसी मैसर्स एमएच फार्मा के माध्यम से कोतवाली, आगरा, उत्तर प्रदेश के माध्यम से बेचा गया है। पत्र के मुताबिक, बाजार में ये ‘नकली’ दवाएं पहले ही फैल चुकी हैं।
उत्तर प्रदेश में आगरा, अलीगढ़ और इग्लास में कई दुकानों पर जांच के दौरान कई आरोपियों से पूछताछ की गयी। वहीं इस बीच छापेमारी में निर्मित दवाओं के फॉयल और कच्चे माल की बरामदगी हुई है, जो पहले से ही आपूर्ति श्रृंखला में वितरित की गई थी।
छापेमारी में जब्त की गई ‘नकली’ दवाओं में मोंटेयर, ऑटोर्वा, रोजडे, जीरोडोल, लूज कैल्शियम टैबलेट, लैक्टुलोज यूएसपी, बायो डी-3 प्लस, डिल्टियाजेम एचसीएल, डाइटर और कई दवाएं शामिल हैं।
इन दवाओं का निर्माण मुख्य रूप से सिप्ला, ज़ाइडस हेल्थकेयर, आईपीसीए लैब्स, मैकलियोड्स फार्मा और टोरेंट फार्मास्युटिकल्स द्वारा किया जाता है।
इसे लेकर सोमानी ने जरूरी कार्रवाई और अपने क्षेत्र में इस तरह की दवाओं के प्रसार के खिलाफ निरीक्षण कर्मचारियों को सतर्क करने की अपील की है। उन्होंने पत्र में कहा है कि मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाये।