ब्यूरो रांची : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI के पूर्व अध्यक्ष अमिताभ चौधरी का पिछले साल 2022 के अगस्त में निधन हो गया. उनके निधन के बाद, JSCA ने उनके सम्मान में एक सोने की मूर्ति स्थापित करने का फैसला किया. जिसको लेकर अमिताभ चौधरी के परिवार ने आपत्ति जताई है. दरअसल, JSCA उनकी सोने से बनी प्रतिमा स्टेडियम में लगाना चाहता है, लेकिन अमिताभ चौधरी के परिवार को JSCA का यह फैसला पसंद नहीं आया है और पूर्व सचिव के परिवार ने इसको लेकर बड़ा कदम उठाया है.
बता दें उनके बेटे अभिषेक चौधरी ने इस पर आपत्ति जताते हुए JSCA सचिव को लीगल नोटिस तक भेज दिया है. अभिषेक चौधरी ने अपने पिता अमिताभ चौधरी की सोने से बनी प्रतिमा लगाने के प्रस्ताव को उनके आदर्शों और संघर्षों पर प्रहार बताया है. बता दें 16 अगस्त यानी की आज अमिताभ चौधरी की पहली बरसी है और JSCA प्रतिमा स्थापित करने की प्लानिंग कर रही है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमिताभ चौधरी के बेटे अभिषेक ने सोने की मूर्ति की स्थापना रोकने लिए JSCA को एक कानूनी नोटिस भेजा है. दरअसल, उनके परिवार का मानना है कि, राज्य क्रिकेट संघ द्वारा इस तरह से श्रद्धांजलि देना उनके पिता के हर बलिदान का अपमान होगा. अभिषेक चौधरी का कहना है कि, उनके पिता के लिए कर्म ही पूजा है और वह आडंबर के खिलाफ थे.
एक मीडिया चैनल से बातचीत करते हुए अभिषेक चौधरी ने कहा कि, मेरा परिवार और मैं मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से यह जानकर हैरान थे कि JSCA का वर्तमान मैनेजमेंट मेरे पिता की सोने या संगमरमर की मूर्ति स्थापित करने की प्लानिंग कर रहा और उनकी पहली पुण्य तिथि पर यह घोषणा करने या नींव रखने की योजना बना रहा . उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए आगे कहा कि, मेरे पिता ने अपना पूरा जीवन सादगी से बिताया. व्यक्तिगत प्रशंसा और आडंबर उनके लिए अभिशाप थे.
ऐसी प्रतिमा स्थापित करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करना उन आदर्शों का मजाक होगा जिनके लिए उन्होंने बलिदान दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ अभिषेक ने कहा, राज्य सरकार की पहल से अमिताभ चौधरी की अंतिम संस्कार सम्मान के साथ की गई थी. जिस राष्ट्रीय ध्वज में उनका पार्थिव शरीर लपेटा गया था उसे स्मृति चिन्ह के रूप में परिजनों को सौंप दिया गया था.
वहां उपस्थित JSCA के पदाधिकारियों ने उसे स्टेडियम में अलंकृत करने के लिए मांग लिया था JSCA जबकि कुछ ही दिनों के बाद वह राष्ट्रीय ध्वज खंडित अवस्था में स्टेडियम में पाया गया था. वही बता दे कि रिपोर्ट्स के मुताबिक अभिषेक चौधरी ने बताया कि उनकी चिट्ठी भेजे जाने के बाद रांची उपायुक्त राहुल सिन्हा ने एक्शन लेते हुए जेएससीए को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि उनके लिए इस तरह के धार्मिक अनुष्ठान और गतिविधि करना अवैध है.
उन्होंने जेएससीए को अपने खर्च पर बनारस से बुलाए गए एक पंडित को वापस भेजने का आदेश दिया है। उन्होंने आगे यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी अवैध धार्मिक गतिविधि न हो. जिला प्रशासन ने पुलिस बल के साथ एक मजिस्ट्रेट तैनात करने का आदेश दिया है. साथ ही निर्देश दिया है जेएससीए सभी सदस्यों को सूचित करें कि हवन, पूजा आदि का प्रस्तावित कार्यक्रम का निषेध प्रशासन द्वारा किया गया है.
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