राज्य सरकार ने नेपाल से सटे जिलों के मदरसों की जांच शुरू कर दी है। सरकार ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के उच्च अधिकारियों को इस काम के लिये गठित किया है। वरिष्ठ अधिकारियों की ये टीम गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की स्थिति तथा उनके आय के स्रोतों की जांच करेंगे। जांच के लिए चार अधिकारियों की दो अलग-अलग टीमें बनाई गईं हैं जो नौ जिलों का दौरा करेंगी और अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले वर्ष मदरसों का सर्वे कराया था। इसमें करीब साढ़े आठ हजार ऐसे मदरसों की जानकारी मिलीं जो गैर मान्यता प्राप्त थे। सर्वे में नेपाल से सटे उत्तर प्रदेश की सीमा में बड़ी संख्या में मदरसे मिले। जांच में इन मदरसों की आय का असल स्रोत जकात यानी की दान बताया गया था। गौरतलब है कि कुछ मदरसों को विदेश से भी पैसा मिल रहा है। इसी के बाद यूपी सरकार ने इन मदरसों की आय के स्रोतों का पता लगाने का निर्णय लिया।
बता दें कि जांच टीम में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के विशेष सचिव आनंद कुमार सिंह, विभाग की निदेशक जे रीभा, संयुक्त निदेशक आरपी सिंह व मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह शामिल हैं। जानकारी के अनुसार ये जांच टीम 13 जुलाई तक महाराजगंज, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, पीलीभीत, बहराइच, श्रावस्ती व लखीमपुर खीरी के साथ मऊ व आजमगढ़ जिलों का भ्रमण कर वहां विभागीय योजनाओं के साथ गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की समीक्षा करेगी।