भारत-अमेरिका ने 2024 के लिए संयुक्त अंतरिक्ष यात्री मिशन की घोषणा की है। व्हाइट हाउस ने गुरुवार (22 जून) को कहा कि भारत ने अर्टेमिस संधि में शामिल होने का फैसला किया है। साथ ही अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 2024 में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) के लिए एक संयुक्त मिशन भेजने को लेकर सहमत हुए हैं।
बता दें कि अर्टेमिस संधि असैन्य अंतरिक्ष अन्वेषण पर समान विचार वाले देशों को एक मंच पर लाता है। अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच ओवल ऑफिस में होने वाली बैठक से कुछ घंटे पहले कहा कि अंतरिक्ष के विषय पर, हम यह घोषणा करने वाले हैं कि भारत अर्टेमिस संधि पर हस्ताक्षर कर रहा है, जो मानवजाति के फायदे के लिए अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए एक साझा दृष्टि को आगे बढ़ा रहा है।
बताया जा रहा है कि व्हाइट हाउस में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों को और बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। गौरतलब है कि 1967 के बाह्य अंतरिक्ष संधि पर आधारित अर्टेमिस संधि असैन्य अंतरिक्ष अन्वेषण को दिशानिर्देशित करने के लिए तैयार किये गये गैर-बाध्यकारी सिद्धांतों का एक सेट है।
जानकारी के अनुसार ये 2025 तक चंद्रमा पर मानव को फिर से भेजने का अमेरिका नीत प्रयास है जिसका लक्ष्य मंगल और अन्य ग्रहों तक अंतरिक्ष का अन्वेषण करना है। अधिकारी ने कहा कि नासा और इसरो इस साल मानव युक्त अंतरिक्ष उड़ान के लिए एक रणनीतिक फ्रेमवर्क तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा नासा और इसरो 2024 में आईएसएस के लिए एक संयुक्त मिशन पर भी सहमत हुए हैं।