Ranchi : झारखंड विधानसभा बजट सत्र के दूसरे चरण के तीसरे दिन बीजेपी विधायकों ने जमकर हंगामा किया। भाजपा नियोजन नीति और 1932 की खतियान पर मुख्यमंत्री से जवाब मांग रही थी। भाजपा विधायकों ने न सिर्फ विधानसभा के मुख्य गेट पर धरना दिया, बल्कि सदन के अंदर वेल में हंगामा भी किया। बीजेपी विधायक अमर बाउरी और भानुप्रताप शाही ने कहा कि सरकार स्पष्ट करे कि 60-40 की बात क्या है। सदन की कार्यवाही के दौरान कई बार तीखी नोकझोंक भी हुई। दरअसल, जब अध्यक्ष भाजपा विधायकों से चुपचाप बैठने का आग्रह कर रहे थे, तब आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने उन पर पक्षपात करने का आरोप लगाया और कहा कि वह मुख्यमंत्री से 1932 और योजना नीति पर स्पष्ट जवाब देने के लिए क्यों नहीं कहते। प्रश्नकाल के दौरान लोबिन हेम्ब्रम ने पेसा अधिनियम का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय कानून में आदिवासियों की संस्कृति और जल-जंगल और जमीन की सुरक्षा की बात की जाती थी, लेकिन अब तक आदिवासी बहुल राज्य झारखंड में पेसा कानून क्यों लागू नहीं किया गया। इसका जवाब देते हुए मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि कुछ विभागों की रिपोर्ट आएगी तभी इस पर फैसला लिया जाएगा। जब लोबिन हेम्ब्रम ने सरकार से तारीख तय करने को कहा तो मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि आप भी मंत्री रह चुके हैं। पेचीदगियों को समझें। इसका जवाब देते हुए लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि मैं कभी इस तरह का मंत्री नहीं रहा। उन्होंने कहा कि झारखंड में जल, जंगल और जमीन लूटी जा रही है। इस बीच निर्दलीय विधायक सरयू राय ने विधानसभा में आम्रपाली खदान में ओवरलोडिंग और अवैध खनन का मुद्दा उठाया और सरकार से जवाब मांगा। आजसू विधायक लंबोदर महतो ने बिना मीटर लगाए उपभोक्ताओं से बिल वसूलने का प्रयास किया। 3 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो सत्ता पक्ष के विधायक वेल में आ गए और विपक्षी विधायकों द्वारा 60-40 नई चाल्टो लिखी टी-शर्ट पहनने पर आपत्ति जताई। अध्यक्ष ने नियम भी पढ़े, जिस पर विपक्ष ने कहा कि 1932 में मुख्यमंत्री ने खुद सदन में अपनी सीट के सामने लिखा नारा लगाया था।
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