उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव को लेकर अहम बैठक की। इस दौरान उन्होंने दीपोत्सव के सुचारु आयोजन, सुविधाओं की उपलब्धता जैसे महत्वपूर्ण विषयों के संबंध में शासन-प्रशासन के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। सीएम योगी ने कहा कि कानून-व्यवस्था दृष्टिगत ये समय संवेदनशील है। इसलिए हमें लगातार सतर्क और सावधान रहना होगा ।
सीएम ने कहा कि सात नवंबर से शुरू हो रहा दीपोत्सव हर साल की तरह इस बार भी शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हों, इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं । शरारतपूर्ण बयान जारी करने वालों के साथ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कड़ाई से पेश आएं। माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता की जाए।
अयोध्या का दीपोत्सव अपनी भव्यता से बना चुका है पहचान
सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या दीपोत्सव का कार्यक्रम अपनी भव्यता के लिए आज पूरी दुनिया में पहचान बना रहा है। ऐसे में समारोह की गरिमा का पूरा ध्यान रखते हुए सभी तैयारियां की जानी चाहिए। 2017 से हर साल दीपोत्सव एक नया कीर्तिमान बना रहा है। इस साल के दीपोत्सव में 21 लाख दीपों से अवधपुरी जगमग होगी। इसके लिए दीप, तेल, बाती, स्थान, स्वयंसेवकों आदि की पुख्ता व्यवस्था कर ली जाए।
4 देशों और 24 प्रदेशों की रामलीलाओं का होगा मंचन
सीएम ने कहा कि दीपोत्सव हमारी सनातन परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। यह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी के 14 वर्ष के वन प्रवास के बाद अयोध्या लौटने की पावन स्मृति स्वरूप है। अयोध्या दीपोत्सव में भगवान श्रीराम की अयोध्या वापसी, भरत मिलाप, श्रीराम राज्याभिषेक आदि प्रसंगों का प्रतीकात्मक चित्रण भी होगा।
उन्होंने कहा कि सरयू मइया की आरती भी उतारी जाएगी। 4 देशों और 24 प्रदेशों की रामलीलाओं का मंचन होगा। इस आयोजन पर पूरी दुनिया की दृष्टि है। अतः इसकी भव्यता में कोई कमी न हो। दीपोत्सव की भव्यता निहारने बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन की सहभागिता होगी।
सजाएं जाएं सब मठ मंदिर
मुख्य समारोह के अतिरिक्त अयोध्या नगर के सभी धार्मिक स्थलों, मठ-मंदिरों की सजावट की जाए। इस मौके पर अनेक गणमान्य जनों की उपस्थिति भी होगी। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए। गलती की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। अयोध्या जनपद में जगह-जगह पर समारोह का सीधा प्रसारण किया जाना चाहिए, ताकि अधिकाधिक जन दीपोत्सव से जुड़ सकें।