राज्य के कृषि मंत्री ने 2133 तालाबों के जीर्णोद्धार और 2795 परकोलेशन निर्माण का किया शुभारंभ

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रांची : राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने शनिवार को नगड़ी स्थित राज्यस्तरीय जल छाजन केंद्र में जल संरक्षण से जुड़ी 467 करोड़ 32 लाख 88 हजार 380 रुपये की योजनाओं का शुभारंभ किया। मंत्री ने कहा कि झारखंड के सभी जिलों के प्रखंडों में तालाब जीर्णोद्धार और परकोलेशन की योजना का शुभारंभ किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि 24 जिलों के सभी प्रखंडों में 2133 तालाबों का जीर्णोद्धार और 2795 परकोलेशन (टपकन) के निर्माण के शुभारंभ के साथ ही पूरे राज्य में जल संरक्षण की मजबूत बुनियाद रखने का प्रयास सरकार कर रही है।

बादल ने कहा कि सुखाड़ से राहत मिले, इसके प्रयास लगातार सरकार द्वारा किए जा रहे हैं लेकिन गांव के स्तर पर भी इसके प्रयास होने चाहिए। गांव में बिजली की स्थिति बेहतर रहने से तालाब से सुचारू रूप से सिंचाई की व्यवस्था की जा सकती है। इसी कड़ी में हमने स्मार्ट विलेज की परिकल्पना साकार करने का संकल्प लिया है।

उन्होंने कहा कि पानी पंचायत के सदस्यों की संख्या बढ़ाकर एक सोसाइटी बनाई जा सकती है और उस समिति को ही तालाब में मछली पालन का जिम्मा दे दिया जाए, इस पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुखाड़ से प्रभावित किसानों को 3500 रुपये प्रति एकड़ प्रति व्यक्ति का अग्रिम भुगतान राज्य निधि के माध्यम से किया जा रहा है।

कृषि मंत्री ने कहा कि आज इंटीग्रेटेड फार्मिंग की जरूरत है और इसे देखते हुए सरकार से किसानों को जो भी सहयोग चाहिए, वह हम देने को तैयार हैं। विभाग के अधिकारी लगातार किसानों को फायदा पहुंचाने के मकसद से काम कर रहे हैं। हमारी सरकार ने बीते तीन साल में 1885 करोड़ रुपये किसानों के खाते में डाले हैं, जो यह दिखाने के लिए काफी है कि सरकार किसानों को लेकर काफी संवेदनशील हैं।

हमारी सरकार ने किसानों को लेकर गलत अवधारणा को खत्म करने का प्रयास किया है और हमने ही किसानों को बिरसा किसान के रूप में अधिसूचित किया है। सरकार का उद्देश्य है कि झारखंड की जीडीपी में 20 प्रतिशत किसानों का योगदान सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि झारखंड की जीडीपी को सिर्फ किसान ही सुधार सकते हैं और हर स्तर पर सरकार सहायता देने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत जल्द ही किसानों को मजबूत किया जाएगा। दूध में हम दो रुपए प्रति लीटर किसानों को देने का प्रावधान कर चुके हैं। हमारा प्रयास है कि पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर भी झारखंड का किसान समृद्धशाली हो, साथ ही राज्य को एश्योर इरिगेशन की ओर बढ़ाना है।

अब तक सुखाड़ प्रभावित किसानों के करीब 31 लाख 33 हजार आवेदन प्राप्त किए गए हैं और 8.5 लाख लोगों का भुगतान भी किया जा चुका है। हमारा प्रयास है कि राज्य के 30 लाख किसानों को 12 सौ करोड़ रुपये की राशि दें और आने वाले दो सालों में सभी तालाब का निर्माण या जीर्णोद्धार कर सकें, ताकि खेतों को सिंचाई की सुविधा दी जा सके।

कृषि विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने विभिन्न प्रखंडों से आए कृषकों से कहा कि समाज और जिंदगी के लिए पानी जरूरी है। पानी का सदुपयोग, संरक्षण को प्राथमिकता देना है, ताकि आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित भविष्य दे सकें। सुखाड़ से अगर निपटना है तो हमें सुनिश्चित सिंचाई की ओर कदम बढ़ाने की जरूरत है।

 

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