कोलकाता, सूत्रकार : बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का अल्पसंख्यक वोट पर ‘एकाधिकार’ है लेकिन अब टीएमसी के अल्पसंख्यक वोट को तोड़ने के लिए बीजेपी दोहरी रणनीति अपना रही है।
टीएमसी के अल्पसंख्यक वोट का एकांश वाम-कांग्रेस के कब्जे में जा सकता है, वहीं बीजेपी टीएमसी के अल्पसंख्यक वोट के दूसरे हिस्से को अपनी झोली में डालने की रणनीति बना रही है। हालांकि बीजेपी नेताओं का कहना है कि मोदीजी के ‘विकास की राजनीति’ सबके लिए है। वे अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक के बीच किसी भी तरह का भेदभाव नहीं करते हैं।
केंद्रीय योजनाओं का हवाला
बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चे ने मुस्लिम वोट को अपनी झोली में डालने के लिए ‘मोदी मित्र’ योजना बनायी है। देश के अन्य राज्यों के साथ बंगाल में भी काम शुरू हो गया है। पहले चरण में देश के 60 लोकसभा क्षेत्रों का चयन किया गया है जो मुस्लिम बहुल हैं।
इसमें बंगाल की 13 सीटें शामिल हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इन लोकसभा क्षेत्रों के लिए अलग से पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए जाएंगे। दूसरे चरण में उन लोकसभाओं में मुस्लिम समुदाय की प्रतिष्ठित हस्तियों, मौलवियों के साथ अलग से बैठक करने की योजना है।
इनके जरिए ही मोदी सरकार के ‘सबका विकास’ का प्रचार किया जायेगा। इस योजना के माध्यम से बीजेपी का लक्ष्य यह भी है कि पार्टी के खिलाफ लगाए गए मुस्लिम विरोधी के आरोपों का खंडन किया जाए। साथ ही बीजेपी मुस्लिम वोट के एक वर्ग को एकजुट करने की कोशिश में जुट गयी है।
एकजुटता की अपील
प्रदेश बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा, मुसलमानों का डीएनए और हमारा डीएनए एक ही है। आपको खुद को अलग न समझकर भारतीय सभ्यता और संस्कृति की मुख्यधारा में शामिल होना चाहिए। यह फैसला इस साल फरवरी के पहले सप्ताह में रायपुर में बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चे की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया था।
प्रदेश बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष चार्ल्स नंदी ने कहा, राज्य में 13 अल्पसंख्यक प्रभावित लोकसभा इलाकों में काम चल रहा है। प्रत्येक लोकसभा में अल्पसंख्यक समुदाय के 2 हजार जाने माने व्यक्तियों की सूची तैयार की जा रही है। उनसे संपर्क किया जाएगा। बड़ी सभा नहीं, मुहल्ले में छोटी-छोटी सभाएं की जायेंगी।
बता दें, हाल ही में बगटुई कांड की बरसी पर नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के कार्यक्रम में मिहिलाल शेख समेत उस गांव के कई अल्पसंख्यक परिवार शामिल हुए थे।
ईद के दिन रेड रोड पर धार्मिक सभा में सीएम ममता बनर्जी के भाषण से धर्मनिष्ठ मुसलमानों का अपमान हुआ था यह आरोप लगाते हुए शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में ममता बनर्जी के बयान को राजनीतिक हथियार बनाकर अम्बेडकर प्रतिमा के नीचे प्रदर्शित किया गया था।
सबका विकास
प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष सुकांत मजुमदार ने कहा कि बीजेपी तुष्टीकरण की राजनीति नहीं करती है। टीएमसी ने मुसलमानों को वोटबैंक बनाया लेकिन उनका विकास नहीं किया। वहीं केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना, आवास योजना, हर घर में शौचालय योजना का लाभ हिंदू या मुस्लिम नहीं, सभी लोगों को पहुंचा है। इस योजना से मुसलमान सबसे ज्यादा लाभान्वित हुए हैं। बीजेपी के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, बिना किसी वोट की उम्मीद लिए अल्पसंख्यक लोगों तक पहुंचना होगा।
अल्पसंख्यकों का दूर जाना
उल्लेखनीय है कि हाल ही में अल्पसंख्यक प्रभावित सागरदीघी विधानसभा सीट पर टीएमसी को हराकर कांग्रेस की जीत का बीजेपी ने खुलेआम स्वागत किया था। शुभेंदु ने वहां प्रचार के दौरान कहा था कि लोग जिसे वोट देंगे, वही जीतेगा लेकिन सबसे पहले टीएमसी को हराना होगा।
चुनाव के नतीजे आने के बाद शुभेंदु और सुकांत ने लगभग एक ही सुर में कहा था कि उन्हें खुशी है कि अल्पसंख्यकों ने टीएमसी को नकार दिया। अगर यह वोट उन्हें मिला होता तो उन्हें ज्यादा खुशी होती।
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी नेतृत्व इस बात से खुश हैं कि अल्पसंख्यक वोट बंट गए है। लेकिन उनकी दिलचस्पी हिंदू वोट को मजबूत करने में ज्यादा है। इसलिए बीजेपी ने रामनवमी के दौरान हुई अप्रिय घटनाओं को लेकर टीएमसी और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोला था।
क्या अल्पसंख्यक वोट को बीजेपी की झोली में लाने के लिए उनके पास कोई विशेष योजना है ? इसके जवाब में दिलीप ने कहा, हमारी कोई योजना नहीं है। उन्हें उनकी तरह वोट करने दें। हमें उनके प्रति अलग से कोई भय या भक्ति नहीं है। समय पर वे आयेंगे।
तृकां की प्रतिक्रिया
टीएमसी के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने कहा, अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक सभी वोट ममता बनर्जी के विकास के पक्ष में जाएंगे लेकिन सागरदीघी थोड़ा अलग है। अपनी गलती के चलते हम हारे थे। इसमें विपक्ष का श्रेय नहीं। ऐसा आगे चलकर नहीं होगा।