प्रदेश भाजपा नहीं दोहराएगी पुरानी ‘गलती’

भाजपा के लिए मुकुल रॉय, बाबुल सुप्रियो और अर्जुन सिंह जैसे नेता कड़वी यादें

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कोलकाता, सूत्रकार : भाजपा इस बार पश्चिम बंगाल में 2019 और 2021 के चुनावों वाली गलती नहीं दोहराएगी। पार्टी ने तय किया है कि इस बार टिकट देते समय उम्मीदवारों की विश्वसनीयता ठोक-बजाकर परखी जाएगी और सभी मानदंडों पर खरे उतरने के बाद ही उनपर दांव लगाया जाएगा। 2019 के लोकसभा चुनाव और 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद पार्टी के कई निर्वाचित सांसद और विधायक वापस पाला बदलकर तृणमूल कांग्रेस में जा चुके हैं।

बीजेपी बहुत सोच-समझकर चुनेगी उम्मीदवार

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस बार प्रदेश के नेताओं को राज्य की 42 में से कम से कम 35 सीटें जीतने का टारगेट दिया है, इसलिए पार्टी उम्मीदवार तय करते समय अबकी बार अन्य बातों का भी पूरा ख्याल रखेगी।

पलटीमार नेताओं से सावधान रहेगी भाजपा

बंगाल बीजेपी के नेताओं के लिए मुकुल रॉय, बाबुल सुप्रियो और अर्जुन सिंह जैसे नेता बहुत ही कड़वी यादें बन चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी ने इन नेताओं को जितनी तरजीह देकर अपने साथ जोड़ा था, ये उतनी ही आसानी से बीच मंझधार में ही साथ छोड़कर चले गए।

विचारधारा और छवि पर रहेगा जोर- सुकांत

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने एक सामाचार चैनल को दिए एक इंटरव्यू में पार्टी के बदले विचारों को स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों को चुनते समय हम कुछ विशेष चीजों पर ध्यान देंगे- जैसे कि वे पार्टी के कार्यों से सक्रिय तौर पर जुड़े हों, उनकी विचारधारा पार्टी से जुड़ी हो और छवि साफ हो।

बीजेपी अब नहीं दोहराएगी पुरानी गलती

भाजपा नेताओं को महसूस हो रहा है कि पिछले दोनों चुनावों से पहले जिस तरह से पार्टी ने आंख मूंदकर अन्य दलों के नेताओं की एंट्री कराकर टिकट बांटा, उसी का खामियाजा भुगतना पड़ा है। इसलिए अब उम्मीदवार को चुनते समय इन तीनों फैक्टरों को बहुत ज्यादा अहमियत दी जाएगी। उम्मीदवारों की साफ छवि पर भी रहेगा जोर खुद को अनुशासित मानने वाली पार्टी में पिछले कुछ समय में दूसरे दलों से आने वाले नेताओं को फौरन तबज्जों दी जाने लगी थीं। इसको लेकर पार्टी में सवाल भी उठने लगे थे। पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता खुद को उपेक्षित महसूस करने लगे थे।

यह सबसे ज्यादा बंगाल में देखा गया है। लेकिन, इस बार पार्टी नए चेहरों को तो प्राथमिकता देने की बात कर रही है, लेकिन उसकी साफ छवि पर जोर रहेगा।

नए चेहरों और कार्यकर्ताओं पर फोकस-मजूमदार

मजूमदार के मुताबिक, ‘पार्टी में ताजा चेहरों को जगह दी जाएगी। पार्टी दूसरे दलों से यूं ही किसी को स्वीकार नहीं कर लेगी। उनके बदले हम नए चेहरों और नेताओं की जगह पर कार्यकर्ताओं पर फोकस करेंगे।

सुकांत मजूमदार का कहना है कि पिछले लोकसभा चुनावों की तुलना में आज पार्टी का संगठन राज्य में काफी मजबूत स्थिति में है। बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं की मौजूदगी पहले की तुलना में कहीं ज्यादा और हम बूथों पर ज्यादा मजबूत हुए हैं। 2024 के लिए अमित शाह ने जो टारगेट दिया है, उसे पूरा करने में हम सक्षम हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में से बीजेपी ने 18 सीटें जीती थीं। लेकिन, इस बार शाह कम से कम 35 सीटें जीतने का लक्ष्य तय करके गए हैं।

टीएमसी सरकार के भ्रष्टाचार को भाजपा बनाएगी बड़ा मुद्दा

भारतीय जनता पार्टी ने इस बार चुनाव को फिलहाल कुछ खास ही मुद्दों पर फोकस करके लड़ना तय किया है। इनमें सबसे बड़ा मुद्दा होगा, राज्य की टीएमसी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार को बड़ा अभियान बनाना। वहीं, केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार की परफॉर्मेंस और विकास के विषयों को भी बीजेपी जोरदार तरीके से उठाएगी।

अवैध घुसपैठ भी रहेगा बंगाल में अहम मुद्दा

इनके साथ ही अवैध घुसपैठ बीजेपी के सबसे प्रिय मुद्दों में से एक रहा है और इसके माध्यम से पार्टी कई विषयों को जोड़कर उसे अभियान बनाने की सोच रही है। मजूमदार ने कहा कि घुसपैठ बंगाल के लिए बहुत बड़ी चुनौती बनी हुई है और यह सवाल है कि राज्य को इससे कैसे बचाया जाए।