शोभायात्रा के दौरान पत्थरबाजी, वाहनों में लगाई गयी आग

हुगली में हिंसा भड़की, पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े

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हुगली : पश्चिम बंगाल से हिंसा की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। रामनवमी के दिन हावड़ा में हिंसक घटना के चार दिन के बाद फिर रविवार को हुगली जिले के रिसड़ा में भी हिंसा भड़क गई। रिसड़ा में भाजपा की ओर से रामनवमी के उपलक्ष्य में एक शोभा यात्रा निकाली गयी।

यह शोभा यात्रा रिसड़ा के विभिन्न इलाकों का भ्रमण कर रही थी। उसी दौरान वेलिंटन जूट मिल के करीब शोभा यात्रा पर हमला किया गया। इस दौरान जमकर आगजनी और पथराव भी हुआ। इसके बाद वाहनों में आग लगा दी गई।

घटना की सूचना मिलने के बाद चंदननगर कमिश्नरेट और रिसड़ा थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। उस समय तक मामला काफी बिगड़ गया था। पुलिस ने हिंसक भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े।

इस घटना को लेकर लोग काफी दहशत में हैं और शांति बहाल किये जाने की अपील कर रहे हैं। इस घटना में महिलाएं, बच्चे और मीडिया कर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए। पुलिस की मदद से उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में ले जाया गया।

सूत्रों के अनुसार दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प से अफरा-तफरी मच गयी। लोग एक -दूसरे पर पथराव करते देखे जा रहे थे। इस दौरान आगजनी भी लोग कर रहे थे। बताया जाता है कि रामनवमी पर निकलने वाली शोभा यात्रा में बीजेपी नेता दिलीप घोष भी शामिल हुए थे।

दिलीप घोष के काफिले पर भी पथराव हुआ है। इस घटना के बारे में दिलीप घोष ने बताया कि शोभा यात्रा के दौरान अचानक पथराव होने लगा। कथित तौर पर एक पूजा स्थल के पास से हिंसा की घटना शुरू हुई थी।

हिंसा के अलावा आगजनी भी की गयी। उन्होंने कहा कि हिंसा की घटनाओं से सरकार सचेत नहीं हुई है। कई लोगों का सिर फूटा है। हमारे एमएलए को भी चोट लगी है। इस दौरान हम भी फंस गये थे।

मौके पर भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती कर दी गयी है। पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने बताया कि ममता बनर्जी के इशारे पर हिंसा की घटनाएं हो रही हैं।

पुलिस के सामने उपद्रवी जिस तरह की घटनाओं को अंजाम दिये- वह पूरा प्री-प्लान था। पुलिस चुपचाप हिंसा देख रही थी। मजुमदार ने इसकी भी जांच एनआईए से कराने की मांग की है।

गौरतलब है कि इससे पहले रामनवमी के दिन हावड़ा शहर के काजीपाड़ा इलाके में हिंसा हुई थी। घटना तब हुई जब शोभायात्रा काजीपाड़ा इलाके से गुजर रही थी। हिंसा के दौरान कई दुकानों और ऑटो-रिक्शा में तोड़फोड़ की गई, जबकि कुछ पुलिस वाहनों सहित कई कारों में आग लगा दी गई थी।

मुख्यमंत्री बनर्जी ने आरोप लगाया था कि हावड़ा में हुई हिंसा में भारतीय जनता पार्टी और बजरंग दल जैसे अन्य दक्षिणपंथी संगठन हथियारों के साथ शामिल थे।