कोलकाता, अंकित कुमार सिन्हा
पश्चिम बंगाल हमेशा से प्रतिभाओं की भूमि रही है। यहां से कई ऐसे गुदड़ी के लाल पैदा हुए हैं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा से बंगाल के नाम को और ऊंचा किया है। उसी में से एक हैं पश्चिम बंगाल के उभरते प्रतिभाशाली युवा क्रिकेटर राहुल प्रसाद। जिनको कूचबिहार ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन के बाद भारत अंडर-19 शिविर के लिए चुना गया है। राहुल ने अपने जिंदगी में अनेक कष्ट सहे, लेकिन उन कष्टों के सामने उन्होंने अपने इरादे को कमजोर नहीं किया। इसी दृढ़ संकल्प और मानसिक शक्ति ने उन्हें क्रिकेट के मैदान पर और बाहर दोनों जगह सफल होने में मदद की है।
महज 17 साल की उम्र में राहुल ने अपनी मां को खो दिया। फिर हर रात 22-24 किलोमीटर साइकिल चलाते हुए एक ऑनलाइन फूड डिलीवरी ब्वॉय के रूप में काम करना शुरू किया। उन्होंने इन सभी कठिनाइयों को खुद पर हावी होने नहीं दिया। वे लगातार अपने कोच बीरेंद्र प्रताप सिंह के मार्गदर्शन में अपने क्रिकेट कौशल में सुधार करने के लिए कड़ी मेहनत करते रहे।
अंततः बंगाल से इंडिया अंडर-19 शिविर के लिए उनको चुना गया। क्रिकेट और काम की भागदौड़ के बीच उन्होंने शारीरिक और भावनात्मक रूप से खुद को मजबूत रखा। राहुल एक ऑफ-स्पिनिंग ऑलराउंडर हैं। उनके कोच ने हमेशा उनकी मानसिक शक्ति, विनम्रता और कार्यशैली की प्रशंसा की है। अब उनके कोच सहित सभी लोग ये चाहते हैं कि आने वाले वर्षों में बंगाल क्रिकेट को अपनी क्षमता से और ऊपर ले जाएं।
राहुल प्रसाद की सफलता पर बयान देते हुए आदित्य ग्रुप के अध्यक्ष अनिर्बान आदित्य ने कहा, “राहुल प्रसाद को उनकी उत्कृष्ट सफलता के लिए बधाई। उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और दृढ़ता का ही ये नतीजा है। उन्होंने दिखाया है कि सही दृष्टिकोण और प्रयास के साथ कुछ भी संभव है’। वह हम सभी के लिए एक प्रेरणा हैं।”
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