जादवपुर यूनिवर्सिटी के तालाब में बहता मिला छात्र का शव

मोहम्मद आसिफ आर्किटेक्चर का छात्र था

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कोलकाताः जादवपुर विश्वविद्यालय के परिसर में बने तालाब में एक लाश मिलने की खबर है। बुधवार 8 मार्च को यूनिवर्सिटी के ही कुछ छात्रों को तालाब में शव बहता हुआ देखा।

उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन और कोलकाता पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर लाश को बरामद किया। उसकी पहचान यूनिवर्सिटी के ही एक पूर्व छात्र मोहम्मद आसिफ मंडल (24) के रुप में हुई है। वह बेहाला पर्णश्री स्थित गवर्नमेंट हाउसिंग इस्टेट इलाके का रहने वाला था।

होली के चलते जादवपुर विश्वविद्यालय परिसर 7 और 8 मार्च के लिए बंद था। हालांकि बाहर से आए कुछ लोग होली के दिन रंग खेलने के लिए परिसर में जमा हुए थे।

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कॉलेज के गॉर्ड ने लोगों को चेताया था कि परिसर के अंदर मौजूद तालाब के पास न जाएं। बावजूद इसके कुछ लोग तालाब किनारे बैठे थे। इसी दौरान उन लोगों ने शव को देखा।

जानकारी मिलते ही पुलिस ने डिसैस्टर मैनेजमेंट टीम को मौके पर भेजा। शाम करीब चार बजे शव को तालाब से निकाल कर पास के एसएसकेएम अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने बताया कि आसिफ की मौत पहले ही हो चुकी थी। आसिफ जादवपुर विश्वविद्यालय में आर्किटेक्चर का छात्र था। पिछले साल ही उसकी पढ़ाई पूरी हुई थी।

पुलिस का क्या कहना है?

रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि आसिफ को जब पानी से निकाला गया तो उसके शरीर पर टी-शर्ट, जींस और जूते थे। शुरुआती जांच में उसके शरीर पर किसी भी तरह की चोट के निशान नहीं मिले हैं। देखने से तो लग रहा है मौत डूबने की वजह से हुई है। मौत की असल वजह तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगी।

विश्वविद्यालय का क्या कहना है?

घटना पर जादवपुर यूनिवर्सिटी के आर्किटेक्चर विभाग के एक शिक्षक ने बताया कि आसिफ पिछले साल ही ग्रेजुएट हुआ था। मगर उसे एक सप्लिमेंट्री एग्जाम क्लियर करना था इसलिए वो एग्जामिनेशन कंट्रोलर के दफ्तर आता रहता था। मुझे साफ -साफ नहीं पता कि उसने सप्लिमेंट्री एग्जाम क्लियर कर लिया था या नहीं।

वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन के एक शख्स ने बताया कि उनके पास बाहरी व्यक्ति या किसी पुराने छात्र को अंदर आने से रोकने की उचित व्यवस्था नहीं है।

उन्होंने कहा कि 7 और 8 मार्च को कॉलेज में जमा हुए लोगों को उनके सिक्योरिटी गार्ड्स ने तालाब किनारे जाने को लेकर चेताया था, फिर भी कई छात्र और बाहरी लोग तालाब किनारे बैठे थे।