राज्य के 10 लाख सरकारी स्कूलों के छात्रों को को नहीं मिला पोशाक

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रांची : स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के तमाम प्रयासों के बाद भी अब भी राज्य के 10 लाख बच्चों को पोशाक नहीं मिल पाया है। स्थिति यह है कि अब भी बच्चे ठंड में ठिठूरते हुए ही स्कूल आने को मजबूर हैं।

इन्हें इस ठंड में पोशाक, स्वेटर, जूते-मौजे मिलेंगे या नहीं इस पर संशय बरकरार है। राज्य के कई जिले तो ऐसे हैं, जहां आधे से भी कम स्टूडेंट्स को पोशाक दिया गया है। राज्य के पांच जिलों में पोशाक मद में दी जाने वाली राशि अब तक नहीं के बराबर दी गयी है।

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार विभाग ने जो टारगेट तय कर रखा था, उसमें से लगभग 73 प्रतिशत बच्चों को ही इसका लाभ मिला। कुल 38.29 लाख बच्चों में से अभी तक 27.87 लाख बच्चों को ही पोशाक के पैसे दिए गए हैं। इस वित्तीय वर्ष में समग्र शिक्षा अभियान के तहत 36.78 लाख तथा राज्य बजट से 1.51 लाख एपीएल बच्चों को पोशाक देने का टारगेट रखा गया था, पर अभी तक कुल 27.88 लाख बच्चों को ही पोशाक की राशि उपलब्ध हो पाई है।

बच्चों को पोशाक नहीं मिल पाने की वजह बैंक अकाउंट न होने की समस्या है। दरअसल राज्य सरकार डीबीटी के माध्यम से बच्चों के बैंक खाते में पोशाक की राशि भेजती है। लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में बच्चों के बैंक अकाउंट नहीं खुल पाए हैं। इस वजह से बच्चों को पोशाक नहीं मिल पा रहा है। उन्हें ठंड में ठिठूरते हुए स्कूल आना पड़ रहा है।

साहिबगंज, गोड्डा, सिमडेगा, चतरा तथा कोडरमा जिले की स्थिति काफी खराब है, जहां आधे से भी कम बच्चों को पोशाक के पैसे मिले हैं।

बैंक अकाउंट की वजह से जिन बच्चों को पोशाक नहीं मिल पाया है, उन्हें अब विद्यालय प्रबंध समिति के माध्यम से पोशाक देने पर भी विचार कर रही है। साथ ही राज्य सरकार अगले वर्ष से बच्चों को पोशाक खरीदकर भी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव तैयार कर रही है। राज्य के सरकारी स्कूलों में अभी तक 68 प्रतिशत बच्चों को ही स्कूल किट मिला है।

 

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