पिछले दो वर्षों में नक्सलियों के विरुद्ध मिल रही है सफलता: सीआरपीएफ एडीजी
नक्सलियों की मांद में घुसकर पांच शीर्ष माओवादी को मार गिराए जाने की घटना में शामिल जवानों को डीजीपी ने किया पुरस्कृत
चतरा : मुठभेड़ में चतरा पुलिस को मिली ऐतिहासिक सफलता की गूंज राज्य पुलिस मुख्यालय तक सुनाई पड़ी। मुठभेड़ में मिली सफलता के बाद राज्य के डीजीपी अजय कुमार सिंह आज हवाई मार्ग से चतरा के लावालौंग पहुंचे। जहां सबसे पहले उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। जिसके बाद डीजीपी का काफिला लावालौंग सीआरपीएफ कैंप पहुंचा। जहां डीजीपी ने मुठभेड़ में शामिल जवानों का हौसला बढ़ाते हुए उनके बीच इनाम की राशि वितरण की।इस मौके पर डीजीपी अजय कुमार सिंह, सीआरपीएफ के एडीजी वितुल कुमार, एडीजी अभियान संजय आनंद राव लाटकर, आईजी अभियान एवी होमकर, डीआइजी नरेंद्र सिंह, सीआरपीएफ के डीआईजी डीके चौधरी, एसपी राकेश रंजन, 190 बटालियन के कमांडेंट मनोज कुमार मौजूद थे। सीआरपीएफ के एडीजी वितुल कुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पिछले 2 वर्षों में पुलिस को नक्सलियों के विरुद्ध अच्छी सफलता मिली है। पुलिस महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक के नेतृत्व में झारखंड राज्य में भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के विरूद्ध रणनीति युक्त लगातार करारा प्रहार किया जा रहा है। शीर्ष उग्रवादियों की धर-पकड़ के लिए झारखंड पुलिस के द्वारा चलाए जा रहे योजनाबद्ध नक्सल अभियान काफी प्रभावशाली सिद्ध हो रहे हैं। झारखंड के चतरा एवं पलामू के सीमांत इलाके में झारखंड पुलिस की गुप्त सूचना पर भाकपा माओवादी) के इस इलाके में सबसे सक्रिय एवं कुख्यात मारक दस्ते पर बड़ी कार्रवाई हुई है। चतरा पुलिस, 203 कोबरा टीम तथा सीआरपीएफ 134 बटालियन के जवानों ने पांच शीर्ष नक्सलियों को मार गिराया है। इस संयुक्त अभियान में नक्सलियों का एक बड़ा कैंप भी ध्वस्त कर दिया गया है। अत्याधुनिक हथियार, गोलियों के जखीरे के साथ अन्य जरूरी समानों की भी बरामदगी हुई है।
चतरा-पलामू सीमांत इलाके पर मिली बड़ी सफलता :
इस मौके पर पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह ने कहा कि चतरा-पलामू सीमांत इलाके पर मिली बड़ी सफलता से नकसलियों की कमर टूट गई है। कहा कि निश्चित तौर पर हमारे जवान प्रोत्साहन के योग्य हैं और उन्हें आगे की रणनीति के लिए भी कह निर्देश दिए गए हैं। गौतम पासवान की टीम को माओवादियों के एक सशक्त दस्ते के रूप में जाना जाता था जो लगातार कई वर्षों से पुलिस बल एवं आम लोगों को क्षति पहुंचा रहा था। यह झारखंड पुलिस के लिए बहुत बड़ी सफलता है। उग्रवाद उन्मूलन में झारखंड पुलिस की चौतरफा कार्रवाई जारी है। झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ कुशल नेतृत्व, रणनीति और दृढ़ संकल्प के साथ नक्सलियों के खात्म के लिए कटिबद्ध है। पुलिस का दावा है अन्य नक्सली भी पुलिस के गोली से घायल हुए जिसकी पड़ताल जारी है। मुठभेड़ के बाद चतरा जिला के पुलिस जावनो के हौसले बुलंद है। आगे भी नक्सलियों के विरुद्ध अभियान चलता रहेगा।गौरतलब है कि एसपी राकेश रंजन को मिली एक गुप्त सूचना के आधार पर सोमवार की सुबह चतरा जिले के अति नक्सल प्रभावित लावालोंग थाना क्षेत्र के गरहे जंगल में माओवादियों के भ्रमण की सूचना पर गई पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग के बाद दोनों के बीच हुई मुठभेड़ में 25-25 लाख के दो इनामी स्पेशल एरिया कमेटी के सदस्य गौतम पासवान व अजीत उराव तथा 55 लाख के इनामी सब जोनल कमांडर अमर गंजू, नंदू तथा संजीत भुजिया को सुरक्षा बलों द्वारा मार गिराया गया। इसके साथ ही घटनास्थल पर से दो एके-47 व दो इंसास तथा दो बंदूकें समेत कई सामान बरामद किए गए जिसे पुलिस ने एक बड़ी व ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए जिले में माओवादियों के वर्चस्व को ध्वस्त कर दिया।
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