कोलकाता: अलीपुर कोर्ट में पार्थ चटर्जी के दिए गए विस्फोटक बयान के बाद बंगाल की राजनीति में हलचल मच गया है। इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए विभिन्न पार्टी के नेताओं ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उसके बाद एक मामला और उभर कर सामने आया है कि माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती की पत्नी को कॉलेज में जो नौकरी मिली है, वह ‘अवैध’ है। इस बात की पुष्टि करने के लिए सीपीएम नेता सुजन चक्रवर्ती की मिलीभगत के दस्तावेज तृणमूल ने जारी किया है।
उन दस्तावेजों को देखने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि सुजन चक्रवर्ती की पत्नी मिली चक्रवर्ती को केवल सिफारिश के आधार पर दीनबंधु एंड्रयूज कॉलेज में नियुक्त मिली थी।
उन्होंने वहां लगातार 34 साल मोटी तनख्वाह पर काम किया है। तृणमूल ने सबूत के तौर पर एक पत्र को ट्वीट किया है। गौरतलब है कि पूर्व शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी ने शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले में गुरुवार को अलीपुर कोर्ट में पेश होने के दौरान घोटाले में तीन नेताओं- सुजन चक्रवर्ती, दिलीप घोष, शुभेंदु अधिकारी का नाम लिया था।
पार्थ चटर्जी ने मांग की कि उनकी जांच होनी चाहिए क्योंकि वे भी इस भ्रष्टाचार में शामिल हैं। उनका दावा है कि यह भ्रष्टाचार सीपीएम के दौर से शुरू हुआ था। संयोग से पार्थ का यह दावा करने से ठीक पहले तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने इन तीनों के नाम से ट्वीट किया था।
विपक्ष ने शोर मचाया कि पार्थ-कुणाल एक ही सुर में बोल रहे हैं। उसके बाद तृणमूल ने सुजन चक्रवर्ती की पत्नी के रोजगार रिकॉर्ड को सार्वजनिक कर सबूत दिया। सुजन की पत्नी मिली ने 1 अगस्त, 1987 से दीनबंधु एंड्रयूज कॉलेज में एक उपकरण कीपर के रूप में ज्वाइन किया था।
दस्तावेज के तौर पर तृणमूल ने कॉलेज के प्राचार्य को लिखे पत्र को ट्वीट किया है। उसमें बताया गया है कि सुजन की पत्नी ने कोई परीक्षा तक नहीं दी, केवल सिफारिश के आधार पर ही नौकरी पायी है। उन्हें मोटी तनख्वाह भी मिलती थी।