पंचायत चुनाव की याचिका पर जल्द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

कुल 31,836 पंचायतों, 6158 पंचायत समितियों और 822 जिला परिषदों में चुनाव होने हैं

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नयी दिल्ली/ कोलकाता: राज्य में पंचायत चुनाव को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है।

बता दें कि कोर्ट ने 28 मार्च के अपने आदेश में पंचायत चुनाव में इस स्तर पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। आरोप है कि पंचायत चुनाव के आरक्षण में सत्ता पक्ष को फायदा देने के लिए गड़बड़ी की गई है।

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने

याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पार्दीवाला की पीठ ने वरिष्ठ वकील पीएस पटवालिया के सबमिशन पर नोट लिया। नोट में कहा गया था कि अगर अपील पर जल्द सुनवाई नहीं की गई तो चुनाव का नोटिफिकेशन जारी हो सकता है।

इस पर पीठ ने कहा कि यह मामला आज के दिन की लिस्ट में शामिल नहीं है। इसे बाद में शामिल किया जा सकता है। गौरतलब है कि अब सर्वोच्च अदालत की कार्रवाई 5 अप्रैल को शुरु होगी। इस बीच त्योहारों की छुट्टियां और साप्ताहिक अवकाश रहेंगे।

हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप से किया था इनकार

गौरतलब है कि भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। भाजपा नेता ने याचिका में आरोप लगाया था कि टीएमसी ने अपने हिसाब से पंचायत चुनाव में सीटों का आरक्षण किया है जिसका टीएमसी को चुनाव में फायदा मिल सकता है।

उन्होंने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की आबादी का सही डाटा प्रकाशित नहीं करने का आरोप भी टीएमसी पर लगाया था। इस पर हाईकोर्ट ने इस स्तर पर चुनाव में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया। हालांकि कोर्ट ने ये भी माना कि उनके आरोपों में दम है। हाईकोर्ट ने इस मामले को राज्य चुनाव आयोग पर छोड़ दिया है। हाईकोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।

पश्चिम बंगाल में इस साल के मध्य में पंचायत चुनाव होने हैं। इस दौरान कुल 31,836 पंचायतों, 6158 पंचायत  समितियों और 822 जिला परिषदों में चुनाव होने हैं। पिछले पंचायत चुनाव में टीएमसी ने 90 प्रतिशत सीटों पर जीत दर्ज की थी।