अरुण कुमार सिंह, घाटशिला : लोकसभा चुनाव के बीच ताम्रनगरी वासियों के लिए सुरदा माइंस से जुड़ी एक बड़ी खुशखबरी सामने आयी है। खबर है कि भारत सरकार की वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के विभागीय सचिव ने सुरदा माइंस की वन एवं पर्यावरण स्वीकृति से सम्बंधित फ़ाइल पर अपने हस्ताक्षर कर दिए है। साथ ही विभागीय पोर्टल पर भी अपलोड कर दिया गया है। उम्मीद है कि अगले तीन माह के भीतर सुरदा माइंस में पुनः उत्पादन शुरू हो जाएगा। वहीं, लोकसभा चुनाव के बाद वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के मंत्री द्वारा फ़ाइल पर हस्ताक्षर किया जाएगा जिससे स्टेज-वन का फ़ाइल क्लियर हो जाएगा। विभागीय सचिव की स्वीकृति के बाद विभागीय केन्द्रीय मंत्री की मंजूरी औपचारिकता मात्र ही होती है। केन्द्रीय मंत्री के हस्ताक्षर के साथ सुरदा माइंस के जल्द शुरू होने की उम्मीद भी काफी हद तक क्लियर हो जाएगी। कम्पनी सूत्रों के मुताबिक स्टेज-वन के साथ स्टेज-टू के फ़ाइल क्लियरेंस की प्रक्रिया शुरू होगी। स्टेज-टू के अंतर्गत स्टेज-वन की स्वीकृत फ़ाइल जो वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से आएगी, उसके साथ जिला वन अधिकार समिति के क्लीयरेंस की फ़ाइल को अटैच कर आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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उल्लेखनीय है कि सुरदा माइंस के अंतर्गत आने वाली पांच गांव सुरदा, सोहदा, बेनासोल, तांबाजुड़ी एवं एक अन्य गांव की वन अधिकार समिति पहले ही ग्राम सभा कर सुरदा माइंस के संचालन हेतु वन भूमि उपयोजन की स्वीकृति दे चुकी है। पांच गांव के वन अधिकार समिति से मंजूरी के बाद घाटशिला अनुमंडल स्तरीय वन अधिकार समिति ने भी तत्कालीन एसडीओ सत्यवीर रजक की अध्यक्षता में बैठक कर सुरदा माइंस के संचालन को मंजूरी प्रदान कर फ़ाइल उपायुक्त के पास भेज दिया था। उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला वन अधिकार समिति की बैठक कर सुरदा माइंस के संचालन हेतु जरूरी स्वीकृति प्रदान की जानी है।
जिला वन अधिकार समिति से एप्रूव फ़ाइल को भारत सरकार के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से मिलने वाली स्टेज-वन की स्वीकृत फ़ाइल के साथ संलग्न (अटैच) कर पुनः झारखण्ड सरकार के सम्बंधित मंत्रालय में आगे की प्रक्रिया हेतु भेजा जाएगा। राज्य के स्तर पर मंजूरी मिलने के बाद स्टेज-टू की फ़ाइल एकबार फिर भारत सरकार के सम्बंधित मंत्रालय के पास अनुमोदन के लिए जाएगी। भारत सरकार से मंजूरी मिलते ही सुरदा माइंस में एकबार फिर प्रोडक्शन का कार्य शुरू हो जाएगा। इस दौरान लीज डीड की भी प्रक्रिया कंप्लीट की जानी है। इस प्रक्रिया में दो से तीन माह का समय लगने की उम्मीद है। केन्द्र में नई सरकार के गठन के साथ ही यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी जिससे कि जुलाई-अगस्त में सुरदा माइंस में प्रोडक्शन का कार्य शुरू हो जाएगा।
एचसीएल-आईसीसी प्रबंधन इस दिशा में लगातार प्रयासरत है। कंपनी के अधिकारी भी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे है जिससे बंद सुरदा माइंस को जल्द चालू किया जा सकें। मालूम हो कि मुसाबनी प्रखण्ड क्षेत्र स्थित सुरदा माइंस के करीब 388 हेक्टेयर जमीन में से 322 हेक्टेयर जमीन का पर्यावरणीय क्लियरेंस पहले ही मिल चुका है। तकनीकी कारणों से शेष 65 हेक्टेयर जमीन के क्लियरेंस का मामला फंसा हुआ था। हालांकि शेष 65 हेक्टेयर जमीन को छोड़कर भी 322 हेक्टेयर जमीन पर माइनिंग किया जा सकता था लेकिन चालान निर्गत नहीं होने के कारण मामला पूरी तरह उलझ गया था। सुरदा माइंस के शेष 65 हेक्टेयर जमीन के पर्यावरण स्वीकृति के लिए एचसीएल-आईसीसी प्रबंधन के साथ ही स्थानीय सांसद विद्युतवरण महतो व विधायक रामदास सोरेन भी लगातार प्रयासरत थे। बीते कई दिनों के कड़े संघर्ष के बाद सुरदा माइंस के जल्द खुलने का मार्ग लगभग प्रशस्त होता नजर आने लगा है।