समाजिक दायित्व निभाने वाले ब्लडमैन को स्वदेशी मंच ने किया सम्मानित

रक्त ना जात का है, ना समुदाय का है, ना ही विशेष किसी धर्म का

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चाईबासा: कहते हैं कि इंसान का जन्म फर्ज और कर्ज साथ में हुआ है, फर्ज अपने परिवार के प्रति होता है, और कर्ज हमारे समाज, हमारे देश के प्रति होता है, इस दायित्व को जो निभाए वही महान होता है। कुछ इसी बात को चरितार्थ करते हुए शहर चाईबासा के “ब्लडमैन” के नाम से जाने जाने वाले लालू कुजुर जो एक ग्रुप, एक समूह बनाकर जिले के अंतिम गांव तक के लोगों को रक्त की कमी ना हो, इसे पूरा करने के लिए तत्पर रहती है। इनका ग्रुप उरांव समाज रक्तदान समूह, चाईबासा जो 24 घंटा तत्पर रहती है। इनके इस समाज उपयोगी कार्य को सम्मान देते हुए स्वदेशी जागरण मंच के द्वारा स्वदेशी मेला के मंच पर आगन तू अतिथियों के द्वारा लालू कुजुर एवं समूह के सक्रिय सदस्य सुमित बरहा, किशन बरहा, बिष्णु मिंज, बिक्रम खलखो, अनिल बरहा, मोनू कच्छप, व आकाश तिग्गा को अंग वस्त्र के साथ सम्मानित किया गया।

रक्त ही इंसान को इंसान से जोड़ता है     

मौके पर श्री कुजूर ने कहा कि रक्त ही एक ऐसी व्यवस्था है, ईश्वर ने हमें एक ऐसा विकल्प दिया है । जो इंसान को इंसान से जोड़ता है, क्योंकि रक्त का कोई विकल्प है ही नहीं। आज जिस तरह से मरीज विभिन्न बीमारियों से ग्रसित होकर रक्त की कमी को झेल रहे हैं, हम लोगों से देखा नहीं जाता है और जैसे ही इसकी सूचना हम सबों को मिलती है, उक्त मरीज को इस ग्रुप का रक्त की आवश्यकता है, हम लोग समय नहीं देखते हैं कि कितना बज रहा है हम लोग अपनी सहभागिता को निभाते हुए तुरंत संबंधित ग्रुप के व्यक्ति को खोज कर बुलाकर मरीज को रक्त उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं। मैं विशेष रूप से स्वदेशी जागरण मंच के सदस्यों को पदाधिकारियों को धन्यवाद देता हूं कि मेरे इस मुहिम को आप लोगों ने सम्मान दिया है। मैं इस मंच के माध्यम से सभी लोगों से यह निवेदन करना चाहता हूं कि आप लोग भी हमारे इस मुहिम में शामिल हो और अपनी सामाजिक दायित्व को निभाने में अपना योगदान दें, क्योंकि रक्त ना जात का है, ना समुदाय का है, ना ही विशेष किसी धर्म का है, रक्त मनुष्य का है, जो एक मनुष्य का ही काम आता है। आज के सम्मान में मेरे साथियों को भी में विशेष रूप से धन्यवाद देता हूं कि यह भी हमारा साथ बढ़-चढ़कर के देते हैं। पुनः दिल की गहराई से मैं आयोजक समिति को दिल की गहराई से धन्यवाद देता हूं l

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