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अशोक पांडेय

अपराध से खेलने वाले

समाज में अक्सर देखा जाता है कि गोली से खेलने वाले का अंत भी कहीं न कहीं गोली से ही होता है, बशर्ते कि खेलने वाला असावधान हो। लेकिन खिलाड़ी जानबूझकर गोली-गोली खेलने…