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संपादकीय

कुर्बानियों से मिली ये दौलत

आज भारत का स्वतंत्रता दिवस है, हमारा राष्ट्रीय पर्व। छिहत्तर साल गुजरे, अब सतहत्तरवें की बारी है। धीरे-धीरे लोकतंत्र मजबूत होता जा रहा है। आज भारत की सत्ता…

अविश्वास पर बहस

विश्वास पर अक्सर बहस की जरूरत नहीं हुआ करती। बहस की शुरुआत ही होती है अविश्वास से। देश की संसद इस बात की गवाह बनी कि कैसे तीन दिनों तक लगभग सारे विधायी कामकाज ठप…

बदलाव की जरूरत

एनडीए सरकार ने अपने शासन काल के नौवें साल में एक खास बदलाव का फैसला लिया है। बदलाव किया जा रहा है अंग्रेजी कानून में। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की इस मामले में साफ…

मैच जिताऊ तरकीब

एक बार किसी क्रिकेट में भारतीय टीम के पराजय के बारे में किसी पत्रकार ने तत्कालीन कप्तान से हारने की वजह के बारे में सवाल किया। बातचीत के क्रम में विश्व एकादश टीम गठन…

संविधान की जरूरत

दुनिया में जब से उपनिवेशवाद का सफाया हुआ है तब से इंसानी सोच में भी बदलाव आया है। बदलाव की हालत आज यह है कि तानाशाही या राजशाही का दौर भी समाप्त हो गया है और…

अपनी डफली अपना राग

देश की संसद गंभीर चर्चा कर रही है। सभी दलों की ओर से प्रखर वक्ताओं की टीम खड़ी है जो एक-दूसरे को घेरने की कोशिश कर रही है। मुद्दा है अविश्वास का। सरकार पर देश की गैर…

मनमर्जी बनाम जनमर्जी

राहुल गांधी का अचानक संसद से बाहर किय़ा जाना और फिर नाटकीय तरीके से उनको संसद में प्रवेश देना- इन दो घटनाओं में सरकार की मंशा क्या रही है, इस बारे में हो सकता है कि…

सीमा पार की साजिश

मणिपुर की हिंसा अभी शांत तक नहीं हुई कि हरियाणा को नए सिर से हिंसा की आग में झोंक दिया गया। हिंसा भी ऐसी जिसे सांप्रदायिकता का रूप दे दिया गया। हो सकता है कि सियासी…

राहुल को राहत

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मोदी उपाधि पर उनकी टिप्पणी के कारण कितनी जहमत झेलनी पड़ी है, इसका उदाहरण पूरा देश देख रहा है। सुखद बात यही है कि सुप्रीम…