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संपादकीय

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आम चुनाव से पहले देश की हवा बदलने लगी है। इसके पहले भी हवा में हल्की हरकत जरूर दिख रही थी लेकिन अब तेजी से बदलाव हो रहे हैं। इन बदलावों को ही राजनीतिक रूप से…

संसद मौन है

जिस वतन पर सबको नाज है, जिसकी लोग कसमें खाया करते हैं, जो इसी महीने की 15 तारीख को आजादी का जश्न मनाने की तैयारियों में जुटा है- वह कहीं न कहीं आज जख्मों से कराह रहा…

जाति आधारित जनगणना

किसी भी लोकतांत्रिक देश की सबसे बड़ी पूंजी वहां की आबादी हुआ करती है क्योंकि यह आबादी ही है जिसके कंधों पर सरकार चुनने का दायित्व होता है। भारत इस मामले में सबसे…

गठबंधन की दुविधा

केंद्र की मोदी सरकार को हटाने के लिए तमाम विपक्षी दलों की कोशिश कारगर हो रही है। इस बीच कई समीकरण बनने-बिगड़ने भी लगे हें। इससे कम से कम इतना जरूर पता चल रहा है कि…

झूठी ही तसल्ली दो

एक अंग्रेजी कहावत है- फिशिंग इनटु ट्रॉबल्ड वाटर अर्थात माहौल को बिगाड़ कर अपना उल्लू सीधा करने का खेल खेलना। कुछ लोगों की फितरत होती है कि वे दूसरों की नजर किसी…

शहीद कहलाने का मतलब

एक शायर ने बहुत पहले लिखा था- वतन पर जो फिदा होगा, अमर वो नौजवां होगा। रहेगी जब तलक दुनिया, ये अफसाना बयां होगा।। अफसाने को बयान करना तो दूर आज मुल्क की हालत…

जनता के सवाल

कोरोना जैसी महामारी को झेल चुकी भारतीय आबादी अब किसी भी कीमत पर अपने पुराने दिनों की ओर लौटने की कोशिश कर रही है। इसके लिए आम आदमी पहले की तुलना में कहीं ज्यादा…

देर से मगर दुरुस्त

अपने यहां एक मशहूर कहावत है जिसमें कहा जाता है देर आयद, दुरुस्त आयद। देर से ही आए मगर सही सलामत लौट आए। इस कहावत के उल्लेख का सीधा संबंध अपने पड़ोसी श्रीलंका से है।…

गोरखा सैनिकों की बहादुरी

भारतीय सेना की वीरता के किस्से काफी मशहूर हैं। भारतीय फौजियों ने दुनिया के कई देशों में अपने काम का नमूना छोड़ रखा है जिस पर हर भारतीय को नाज होता है। हाल ही में…