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संपादकीय

दवाओं की दवा जरूरी

लोक जीवन में स्वस्थता और बीमारी के बीच गहरा संबंध है। जो स्वस्थ है, वह बीमार भी हो सकता है। ऐसे बीमार लोगों के इलाज की व्यवस्था भी देश में मौजूद है। इस व्यवस्था के…

ब्रिक्स का संदेश

विस्तारवादी सोच वाले देशों के अलग फोरम के तौर पर आज विकसित हो रहे ब्रिक्स (BRICS) के भविष्य को लेकर भले ही दुनिया में अलग-अलग सोच हो लेकिन इतना जरूर तय है कि जिस…

राष्ट्र और सियासत

अपना लोकतंत्र लगता है कि अब सचमुच किशोरावस्था से वयस्क होकर तेजी से समझदार होने लगा है। यही वजह है कि इंसान अब राष्ट्र को भी सियासत समझने लगा है। इतनी समझदारी पैदा…

शिक्षा की दुकानदारी

आजादी के कुछ दशकों बाद जैसे ही देश में उदारीकरण की बयार चली, वैसे शिक्षा को भी दुकानदारी से जोड़ने का सिलसिला चल पड़ा। इस दुकानदारी का समाज पर क्या असर होगा या बाद…

अय्यर की सीख

लगता है कि राजनयिक से राजनेता बने मणिशंकर अय्यर को अभी भी कराची की रातें भूली नहीं हैं। यही वजह है कि बेचारे जब भी जुबान खोलते हैं कहीं न कहीं पाकिस्तान के प्रति…

कांग्रेस की तैयारी

अगले आम चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपनी टीम तैयार करने का संकेत दे दिया है जिसमें कम से कम रायपुर में हुई पिछली बैठक को ध्यान में रखकर ही मल्लिकार्जुन खड़गे ने काम…

जंगलराज या कानून का राज

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुशासन बाबू के नाम से जाना जाता है। बिहार की सियासत में ऐसा कहा जाता है कि बिहारी मानुष की सोशल इंजीनियरिंग में पारंगत नीतीश…

जरा देख के चलो

आजाद भारत में लोकशाही को सही तरीके से चलाने के लिए संविधान की रचना की गई। संविधान को भी लकीर का फकीर नहीं बनाया गया। उसमें समय-समय पर ईमानदारी से जरूरी बदलाव करने के…

नमन नीच के अति दुखदाई

गोस्वामी तुलसीदास ने जिस रामचरितमानस की रचना की है, उसमें कहानियों के अलावा कई जगह युगोपयोगी बातें भी सुझाई गई हैं। इस रचना को लेकर आजकल टीका-टिप्पणी करने वाले कई…