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EDITORIAL

ऐसा नहीं करना था राहुल

शायद कांग्रेस के नीतिकारों में समय के चयन में कहीं गड़बड़ी हो रही है। फिलहाल राहुल गांधी ने अमेरिका के दौरे पर जो कुछ भी कहा है तथा खासकर भारत सरकार से जुड़ी जिन…

ठहरिए, जरा सोच लीजिए

भारतवर्ष की प्राकृतिक संपदा तथा इसकी ग्लोबल पोजिशनिंग को लेकर ज्यादातर देश भारत पर रश्क करते हैं। उनका मानना है कि भारत दक्षिणी गोलार्द्ध में ऐसी जगह पर स्थित है…

जरा हटके, जरा बचके

समाज हमेशा किसी कानून की किताब के हिसाब से ही चलता रहे, यह जरूरी नहीं। अलबत्ता इसे सही तरीके से चलाने के लिए कुछ स्वयंसिद्ध नियम जरूर बनाए गए हैं। उनकी भी आज अलहेलना…

सेना में पाक जासूस

भारतीय सेना के बारे में दुनिया के ज्यादातर देशों की धारणा काफी सकारात्मक है। यही वजह है कि भारत के धुर विरोधी भी भारतीय जवानों का सम्मान करते हैं तथा किसी भी विदेशी…

मूल्यों का अवमूल्यन

राजनीति भी अजीब विधा है। इसमें कौन-किसका कब दोस्त बन जाए और कब किसका दुश्मन, यह दावे के साथ नहीं कहा जा सकता। विडंबना तो तब होती है जब दिन के उजाले में दो दोस्त…

सेहत कैसे सुधरे

लोकतंत्र में सरकारों के जिम्मे कानून-व्यवस्था की बहाली के साथ ही नागरिकों के लिए जो खास काम सौंपे गए हैं उनमें शिक्षा और स्वास्थ्य का स्थान सबसे ऊपर है। कोई भी इंसान…

कौन करे कानून की सुरक्षा

अपराधी या अभियुक्त को सजा देने का काम अदालतें किया करती हैं। देश की आजादी के बाद से लगातार अदालतों ने कुछ ऐसे ऐतिहासिक फैसले दिए हैं जिनकी गाथा आज भी चाव से…

शिक्षा को खा गई सियासत

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता का इतिहास काफी समृद्ध रहा है। यहां देश के बड़े-बड़े मनीषी पैदा हो चुके हैं जिन्होंने भारत को नई दिशा दी। ब्रिटिश शासनकाल में तब के…

सोशल ही बने रहें तो बेहतर

सोशल मीडिया भी कमाल का है। खबर और सूचना के पार्थक्य की दीवार इतनी पतली कर दी गई है कि आम लोग यह समझ ही नहीं पा रहे कि किसे खबर कहें और किसे सूचना। कुछ ऐसे भी शरारती…