2022 के बाद अब 2023 का आगाज हो चुका है। तारीख जरूर बदली है, हालात लगभग वही हैं। ऐसे में पूरी दुनिया इस बात की उम्मीद लगाए बैठी है कि तनाव कम हो, आर्थिक मंदी समाप्त…
किसी दीर्घाकार परिसर में अगर हल्की आवाज में कोई बाजा बजाया जाए तो उस वाद्य यंत्र का असर उस परिसर पर नहीं होता है। इसे ही कहा जाता है - नक्कारखाने में तूती की आवाज।…
लो फिर वही हुआ, जिसकी आशंका थी। फिर से माओवादी नेता पुष्प कमल दहल यानी प्रचंड की ताजपोशी पड़ोसी मुल्क नेपाल में हो गई है। जाहिर है कि इस ताजपोशी से दिल्ली बहुत खुश…
देश के कई कोने से लगातार इस तरह की शिकायतें आजकल आम हो रही हैं कि किसी ने फोन पर किसी को ठग लिया है। साइबर ठगी की वारदातों से परेशान पुलिस वाले भी कभी-कभार इस ठगी के…
खेल जगत भी अजीब है। यहां किसे-कब-कितनी ऊंचाई पर उड़ने का मौका मिले, कौन कब नीचे गिर जाय - यह दावे के साथ कोई नहीं कह सकता।
भारत में वैसे तो बहुतेरे खेल खेले जाते…
भारतीय संविधान के रचनाकारों ने जो सपना देखा था, उसे किसी भी कीमत पर जिंदा रखने का जिम्मा हम सभी देशवासियों पर है। समय-समय पर जब कानून की अवहेलना होती है तो मन खिन्न…
अपने यहां एक कहावत है। इसमें कहा जाता है कि सच बोलो किंतु वही सच जिससे किसी का दिल नहीं दुखे। माना जाता है कि जिस सच से किसी को ठेस पहुंचे, उससे किनारा कर लेना ही…
बार-बार चीन की ओर से भारत के अभिन्न हिस्से अरुणाचल प्रदेश को अस्थिर करने की जो कोशिशें की जाती हैं, उनके तह में जाने की जरूरत है।
आखिर क्या वजह है कि चीन इसी…
फिर गिरा रुपये का मूल्य। कहा जा रहा है कि भारत सरकार लगातार कारोबारी मुनाफे को कायम रखने की कोशिश कर रही है लेकिन अंतर्राष्ट्रीय बाजार की सेहत बिगड़ने के कारण रुपये…